गोरखपुर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा बच्चों को तस्करों से मुक्त कराया है। मुक्त कराये गए बच्चो की उम्र 12 से 13 वर्ष बताई गई है। साथ ही बच्चों की तस्करी करने वाले 9 तस्करों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तस्कर नाबालिग बच्चों को बिहार से दिल्ली लेकर जा रहे थे।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी अजीत प्रताप सिंह को नाबालिग बच्चों की तस्करी से संबंधित कुछ सुराग लगे थे। जानकारी मिली थी कि बच्चों की तस्करी टूरिस्ट बस से की जा रही है। सुराग के आधार पर अजीत प्रताप सिंह ने इलाके में मुखबिरों का जाल बिछा दिया दिया और खुद भी तस्करों की तलाश में जुट गए। इसी बीच पुलिस को देर रात जानकारी मिली कि मानव तस्करों का एक गिरोह बस के जरिये बच्चों को लेकर निकलने वाला है। पुख्ता जानकारी के बाद पुलिस की टीम ने जगदीशपुर पुलिस चौकी के पास अपना जाल बिछा दिया और खुद एक – एक बस की बारीकी से छानबीन करने लगे।
देर रात तक पुलिस की टीम बताई गई जगह पर मुस्तैद रही और बसों की चेकिंग करती रही लेकिन ऐसी कोई बस नहीं दिखी जिसमे बच्चे सवार थे। इसी बीच सुबह नौ बजे एक टूरिस्ट बस जगदीशपुर पुलिस चौकी के पास दिखाई दी। शक होने पर पुलिस ने बस की तलाशी ली तो उस बस में नाबालिग बच्चे बरामद हो गए। बरामद 20 बच्चों की उम्र 12 से 13 वर्ष की बताई गई है। मानव तस्करी करने वाले 9 आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़े है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की गई है। बरामद नाबालिग बच्चों की देखभाल के लिए फिलहाल के लिए पुलिस ने उन्हें चाइल्ड लाइन भेज दिया। ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी अजीत प्रताप सिंह की सूझ बूझ से न सिर्फ बच्चे बरामद हो गए है बल्कि बच्चों के परिजनों को भी जल्द ही उन्हें सौपने का प्रयास शुरू हो गया है।
Posted By:- Ajit Singh