ब्रहमभट्ट संगम ने मनाई “पं० राजकुमार शुक्ल” की 145वीं० जयंती…

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लखनऊ (जनमत) :- देश के साथ ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ल की 145वीं जयंती मनाई गयी, इस उपलक्ष्य में “ब्रह्मभट संगम” ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया, इस अवसर पर ब्रह्मभट संगम के अध्यक्ष अभिलाष भट्ट और सचिव अविनाश राय ने पंडित राजकुमार शुक्ल की 145वीं जयंती पर श्रध्दा सुमन अर्पित किये. ब्रह्म भट्ट संगम भट्ट समाज के महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर विशेष कार्यक्रम के माध्यम से समाज को गौरवान्वित करने वाले महापुरुषों को याद करता है और उनके दिखाए गए रास्तों पर प्रकाश डालने का प्रयास करता है.

 

इन्ही भट्ट समाज के महापुरुषों में से एक पंडित राजकुमार शुक्ल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अविनाश राय ने बताया कि अंग्रेजी शासन में चंपारण के किसानों को नील की खेती करना आवश्यक था और ये कर के रूप में जानी जाती थी, जिससे देशवासियों का जीना मुहाल हो गया था, किसानों की दशा से पंडित जी बेहद  व्यथित थे और उनकी पीड़ा को खत्म करने की जिद ठान ली और 19 लाख किसानों के मसीहा बनकर उभरे इस दौरान अंग्रेजी हुकूमत का जमकर विरोध किया.

 स्वतंत्रता संग्राम का ये पहला जनआंदोलन… सत्याग्रह आंदोलन कहलाया। बिहार की धरती के चंपारण में पंडित राजकुमार शुक्ल के ही अथक प्रयासों से गांधी जी बिहार आने को विवश हुए और इसके बाद अंग्रेजी हुकूमत की चूल्हे हिल गयी, देश की आज़ादी में इनके विशेष योगदान को भुलाया नहीं जा सकता….. इस गोष्ठी में रजनीश छवि, संजीव भट्ट, अम्बुज मिश्र  उपस्थित रहें।

Posted By:- ANKUSH PAL, JANMAT NEWS.