मंदिर में लूट के दौरान ब्राह्मण पुजारिन की हत्या से सनसनी

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लखनऊ (जनमत):- खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी थानेदार बताने वाले लखनऊ के थाना प्रभारी बंथरा के एक इलाके में लूट की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया है। बदमाशों ने लूट की वारदात को एक मंदिर में अंजाम दिया है। मंदिर की दिवार में सेंध लगाकर मंदिर परिसर में दाखिल हुए बदमाशों ने लूट के दौरान मंदिर के पुजारी की पत्नी की भी गला दबाकर हत्या कर दी।

जाँच के दौरान घटनास्थल से कुछ दूरी पर मंदिर के दान पात्र मिले है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि दानपात्र और भगवान भोले का चांदी का मुकुट समेत यञशाला का तमाम कीमती समान गायब है। मौके पर पहुंचे एसीपी ने कहा जल्द होगा घटना का पर्दाफाश। एक और ब्राह्मण की हत्या की सनसनीखेज वारदात लखनऊ में थाना बंथरा के बेती गांव की है। लखनऊ का यह वही गांव जिसको देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कभी गोद लिया था।

इसके अलावा यह गांव सरोजनीनगर विधानसभा में आता है और इस विधानसभा की विधायक स्वाति सिंह प्रदेश सरकार में मंत्री भी है।  इसी गांव के नागेश्वर मन्दिर में पुजारी दीप नारायण त्रिवेदी की तकरीबन 50 वर्षीय पत्नी दीपिका की बेरहमी से गला दबाकर हत्या कर दी गई। हत्या की वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया जब देर रात बदमाश मंदिर परिसर की एक दीवार काटकर मंदिर परिसर में दाखिल हुए। माना जा रहा है कि लूट का विरोध या फिर पहचाने जाने के दर से दीपिका के जग जाने पर बदमाशों ने उनकी गला दबाकर हत्या कर दी और मौके से मिले मंदिर के कीमंती आभूषण और नगदी समेत अन्य सामान लूटकर फरार हो गए।

घटना की जानकारी तब हुई जब अभिषेक दीक्षित और सुरेश बाजपाई नाम के दो परिचित सुबह मंदिर पहुंचे थे। हमेशा की तरह दीपिका जब उन्हें नहीं दिखी तो वह मंदिर में उन्हें खोजने लगी। इसी दौरान दीवार में सेंध लगी देखकर उन्होंने शोर मचाया तो सभी जग गए। बाद में जब सब अंदर कमरे में दाखिल हुए तो दीपिका मरी हुई पड़ी थी और सामान बिखरा हुआ है।

दरअसल मृतका दीपिका हमेशा की तरह सबसे पहले सुबह उठती और मंदिर की सेवा के साथ आराध्य की सेवा में जुट जाती थी। आज जब वह नहीं दिखी तभी शक हुआ और बाद में इस घटना की जानकारी हुई। मृतका के देवर पंडिंत शेष नारायण त्रिवेदी ने पीड़ा बताते हुए सरकार से मांग की है कि धार्मिक स्थल में इस तरह की जघन्य वारदात को अंजाम देने वालों का पर्दाफाश हो। बंथरा थाना इलाके में हुई यह कोई पहली सनसनीखेज वारदात नहीं है।

इससे पहले भी इस तरह की कई वारदातों को अंजाम दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक मूलरूप से उत्तराखण्ड निवासी थाना प्रभारी बंथरा रमेश चंद्र रावत खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी पुलिस वाला बताते है। अपराध नियंत्रण को छोड़कर अवैध तरीके से धन – उगाही और कमजोर वर्ग के दलितों की जमीनों पर भी अवैध रूप से कब्ज़ा करने के बदले में इन्हे चढ़ावे के तौर पर मोटी रकम दी जाती है।

                                                                                                        (मृतक कि फाइल फ़ोटो)

यही वजह है कि थाना इलाकों में हर तरह का अपराध फल और फूल रहा है। अगर कोई आवाज़ उठाने की कोशिश करता है तो सत्ता और खाकी की ताकत का बेजा इस्तेमाल करते हुए आवाज़ उठाने वाले के खिलाफ ही संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है। फ़िलहाल मौके पर पहुंचे एसीपी कृष्णानगर हरीश चंद्र भदौरिया ने बताया कि नकब कर घटना को अंजाम दिया गया है। मौके पर जो दानपात्र मिले है है उसमे ताले लगे हुए है। एसीपी का दावा है कि जल्द ही घटना का खुलासा हो गया। मंदिर में लूटपाट और पुजारी की पत्नी दीपिका की हत्या की सनसनीखेज वारदात के बाद इलाकाई लोगों ने बंथरा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

लोगों का कहना है कि थाना प्रभारी बंथरा कितने भी रसूख वाले क्यों न हो स्थानीय निवासियों का इससे कोई लेना देना नहीं। इलाकाई और मृतका के परिजनों की सिर्फ यही मांग है कि जिन बदमाशों ने धार्मिक स्थान पर इस तरह की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया है उसका जल्द ही पर्दाफाश हो और इलाके में कानून का भय अपराधियों में हो न की पुलिस का भय गरीब और कमजोर को हो।

Posted By:- Amitabh Chaubey