लखनऊ (जनमत):- लखनऊ में सरोजनीनगर विधानसभा सीट से निर्वाचित एमएलए और उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र राज्य प्रभार मंत्री स्वाति सिंह की बेलगाम जुबान एक बार फिर फिसल चुकी है। इस बार मंत्री के गुस्से का कोपभजन सरोजनीनगर तहसील के नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी बने है। तहसील दिवस के मौके पर मंत्री स्वाति सिंह ने नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी को गुण्डा कहकर सम्बोधित किया है। दरअसल नायब तहसीलदार तहसील दिवस के मौके पर कुछ लेट हो गए थे। पहले से ही उनपर नाराज़ मंत्री स्वाति सिंह को मौका मिल गया और लेट – लतीफी पर मनीष त्रिपाठी को गुण्डा कह डाला। साथ ही यह भी कहा कि नायब तहसीलदार गुण्डो की तरह असलहा लगाकर क्षेत्र में घूमता है और ऐसे व्यक्ति की उनकी तहसील में कोई जरूरत नहीं है।
मंत्री के गुण्डे कहने के बयान से नायब तहसीलदार बेहद आहत है। एक बयान में नायब तहसलीलदार मनीष त्रिपाठी ने कहा है कि सरोजनीनगर विधानसभा के कई इलाकों में अवैध खनन का कार्य होता है। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई में उन्हें हमेशा जान का खतरा बना रहता है। यही वजह है कि अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा लाइसेंसी असलहा को वह अपने पास रखते है। सरेआम मंत्री स्वाति सिंह से अपमानित हुए नायब तहसीलदार ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें मंत्री जी से यह उपेक्षा बिल्कुल नहीं थी। महिला मंत्री स्वाति सिंह द्वारा किसी अधिकारी को फटकार लगाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वह एक सीओ स्तर की महिला अधिकारी को डपट चुकी है। यही नहीं कई अन्य विवादित मामलों में भी वह सुर्ख़ियों में रही है।
इनके बारे में कहा जाता है कि भाजपा संगठन में मंत्री स्वाति सिंह के बहुत मधुर संबंध है। यही वजह है कि आये दिन बेअंदाज मंत्री स्वाति सिंह द्वारा इस तरह के कथित बयान बाजी के बावजूद भी सरकारी स्तर पर उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी पर मंत्री स्वाति सिंह की नाराज़गी की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि सरोजनीनगर विधानसभा के कई इलाकों में अवैध खनन का कार्य तेजी से हो रहा है और अवैध खनन के बदले में काली कमाई का एक हिस्सा कथित तौर पर मंत्री स्वाति सिंह, उनके पिता और भाई को चढ़ावे के तौर पर भेट किया जाता है। नायब तहसीलदार ने अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की तो मंत्री बौखला गई और सबके सामने उनको असलहे वाला गुंडा कह डाला।
अवैध खनन के साथ ही सरोजनी नगर विधान सभा के थाना इलाकों में अवैध निर्माण का कार्य भी जोरों से हुआ। सूत्रों के मुताबिक मंत्री के परिवार के लोगों का अवैध निर्माण में सीधा हस्तक्षेप रहता है और इसके बदले भी एलडीए के क्षेत्रीय अधिकारियों और अवैध निर्माण करने वालों के द्वारा चढ़ावा भेट किया जाता है। जो मंत्री या फिर उनके परिवार के विपरीत गया उसको मंत्री के कोपभजन का शिकार होना पड़ा वह चाहे एलडीए का क्षेत्रीय अधिकारी रहा हो या फिर कोई और।
साथ ही सरोजनी नगर तहसील बार एसोसिएशन कि एल्डर कमेटी कि बैठक में अधिवक्ता प्रभात शुक्ला(चेयरमैन) एक बैठक का संचालन किया जिसमे सर्वसम्मति से मंत्री द्वारा पीठासीन अधिकारी मनीष त्रिपाठी के समर्थन में एक निंदा कि तथा न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया|
Posted By:- Amitabh Chaubey