सोनभद्र (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जिले सोनभद्र के ऊम्भा नरसंहार कांड के आरोपी और जिला जेल में बंद कैदी हीरालाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आरोपी हीरालाल उम्र 65 वर्ष निवासी मूर्तियां गांव थाना घोरावल,जुलाई 2019 में हुए नरसंहार कांड के बाद से पुलिस द्वारा हुई गिरफ्तारी के बाद जिला जेल में बंद था। जिला जेल में मौत होने के बाद मृतक हीरालाल का पुलिस ने जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया और घोरावल थाना क्षेत्र के मूर्तियां गांव निवासी हीरालाल का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
रोहतक हीरालाल के बेटे रामनारायण बताया की हीरालाल की मौत किन परिस्थितियों में हुई उसे नहीं पता है जेल कर्मियों ने बताया कि हीरालाल बीमार था उसे लीवर की बीमारी और उसका इलाज पहले जिला अस्पताल और बीएचयू से चल रहा था। जेल कर्मियों द्वारा सूचना देने पर आज वह जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए आया है। पुत्र रामनारायण ने बताया कि उसके पिता निर्दोष थे और पुलिस की कार्रवाई के तहत उन्हें जिला जेल में बंद कर दिया गया था। उनकी मौत कैसे हुई इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है जेलकर्मियों ने बताया कि उनकी मौत बीमारी से हुई है। उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
क्या था ऊम्भा नरसंहार कांड ?
वर्ष 2019 की 17 जुलाई को सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के ऊम्भा गांव में मूर्तियां गांव के ग्राम प्रधान और उनके साथियों ने जमीनी विवाद में गोंड जाति के 11 लोगों को गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया था, लगभग दो दर्जन लोग इस घटनाक्रम में घायल भी हुए थे। सोसाइटी की जमीन के कब्जे को लेकर हुए संघर्ष में हुए नरसंहार कांड के बाद पूरे देश और प्रदेश में हड़कंप मच गया था । इस पूरे घटनाक्रम में ग्राम प्रधान समेत लगभग 60 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया गया था । मामले की जांच यूपी सरकार ने एसआईटी को सौंपी गई थी। अवैध रूप से जमीन कब्जे के मामले में एक आईएएस समेत दर्जनभर अधिकारियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था। एसआइटी की जांच इस मामले में अभी भी जारी है।