गोरखपुर (जनमत):- ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय परिसर के भीतर शौचालय की दीवार को सपा के झंडे के रंग में लगे होने पर विवाद हो गया| विवाद के बाद वहां पर पहुंचे सपाईयों ने जहां काला पेंट पोतकर विरोध जताया| तो वहीं पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने सुबह से चले धरना-प्रदर्शन और हंगामे के बाद दीवार पर लगे टाइल्स को सफेद रंग से पेंट करा दिया| पूर्वोत्तर रेलवे ने इसके पहले ट्वीट कर इसका किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं होने की बात कही थी| हालांकि सपा ने इसे भाजपा की सपा को बदनाम करने की साजिश बताया था|
ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय के भीतर बने शौचालय में सपा के झंडे के रंग के टाइल्स लगे होने पर विवाद होने के बाद वहां पहुंचे सपाईयों ने गुस्से में आकर इस पर काला रंग पोत दिया| इसके पूर्व सपा कार्यकर्ताओं ने पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा और 24 घंटे के भीतर इस हटाने का अल्टीमेटम दिया था| इसके बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी बगैर देरी किए दीवार पर लगे टाइल्स को सफेद रंग से पेंट करा दिया| इस अवसर पर मौके पर पहुंचे सपा नेता मनोज यादव ने कहा कि अभी तो उन लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से दीवार को ढंकने का काम किया है| इसे रेलवे ने नहीं हटाया, तो वे आंदोलन करेंगे| हालांकि इसके ठीक बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने दीवार पर लगे टाइल्स को सफेद रंग में रंगवा दिया|
बता दें कि गोरखपुर के ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय के कैंपस के अंदर लगे यूरिनल स्पेस में लाल और हरे रंग के टाइल्स लगे होने पर हंगामा खड़ा हो गया| समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट के बाद भाजपा पर निशाना साधने का सपा को मौका मिल गया| समाजवादी पार्टी के कुछ नेता मौके पर सच्चाई जाने के लिए पहुंचे, तो वहां पर टाइल्स सपा के झंडे के रंग में लगा हुआ मिला| सपाइयों ने मौके पर जायजा लिया और चुनाव को देखते हुए इसे भाजपा की साजिश करार दिया| उन्होंने कहा कि भाजपा समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए इस तरह के कृत्य कर रही है|
इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पूर्वोंत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया| सपाइयों ने भाजपा पर समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए सपा के झंडे के रंग में शौचालय को रंगने का आरोप भी लगाया| पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया| हालांकि पूर्वोत्तर रेलवे ने ट्विटर हैंडल से सफाई देते हुए इसे स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा बताया| आगे लिखा गया है कि ये टाइल्स बरसों पुरानें हैं| इन टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित करना है| इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है|
वहीं गौरतलब है कि इतने समय से निर्मित यह शौचालय आखिर कैसे किसी कर्मचारी/ अधिकारी की नजर में क्यों नहीं आया| वही निर्माण के समय इस विषय पर क्यों नहीं ध्यान दिया गया कि यह किसी पार्टी विशेष के “ध्वज” रंग से मेल खाता है| वह भी एक ऐसी पार्टी जो अभी हाल के वर्षों में सूबे की सत्ता में रही हो| यह एक बड़ा सवाल है जिस विषय पर ध्यान देना और इसकी सम्पूर्ण और आवश्यक जाँच और जाँच उपरांत कार्यवाही होना अत्यन्तं आवश्यक प्रतीत होता है,जो की आवश्यक भी है|