कानपुर (जनमत) :- पारिवारिक न्यायालय ने भरण पोषण के मामले में एक अहम् फैसला सुनाया है, जिसमे ससुर और पति की मौत के बाद प्रताड़ित बहु के भरण पोषण का जिम्मेदार नयायालय ने सास को माना और इस मामले में एक अहम् फैसला भी दिया. अपर प्रमुख न्यायाधीश चंद्रशीला ने बहू को प्रतिमाह 15 हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता देने का आदेश सास को दिया है। ससुर और पति की मौत के बाद कोर्ट ने सास को बहू के भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार माना है। पति की मौत के बाद ससुरालीजनों की प्रताड़ना का शिकार बहू की ओर से दी गई भरण-पोषण की अर्जी पर कोर्ट ने ये बेहद अहम् फैसला दिया है.
आपको बता दे कि चकेरी के न्यू आजाद नगर निवासी पूनम मिश्रा का विवाह कायमगंज निवासी मुन्नी देवी के बेटे हरिओम मिश्रा के साथ 12 जुलाई 2016 को हुआ था। शादी के पांच माह बाद ही 10 दिसंबर को पति की मौत के बाद सास व देवरों का बर्ताव और खराब हो गया। ससुर की मौत शादी के पहले ही हो चुकी थी। ससुरालीजनों ने 13 जुलाई 2017 को गाली-गलौज व मारपीट कर घर से निकाल दिया। सारा स्त्रीधन भी अपने कब्जे में रख लिए। थाने में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई। वह तीन साल से अपने माता-पिता के साथ रह रही है। उसके पास भरण-पोषण का कोई साधन नहीं है।
अधिवक्ता के मुताबिक कोर्ट ने नोटिस भेजा लेकिन ससुरालीजनों की ओर से कोई हाजिर भी नहीं हुआ। इस पर कोर्ट ने बहू के हक में एक पक्षीय फैसला सुनाते हुए सास को भरण-पोषण के रूप में हर महीने की दस तारीख तक 15 हजार रुपये पूनम के बैंक खाते में जमा करने का आदेश दिया है। वहीं करोड़ों की संपत्ति की मालकिन सास न तो संपत्ति पर कब्जा दे रही है और न ही स्त्रीधन लौटा रही थी जिसके बाद ये अहम् फैसला दिया गया है.