महराजगंज (जनमत)-: सिख धर्म के 10वें व अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की 354वी जयंती देशभर में धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। गुरु गोविन्द सिंह ने बैसाखी के ही दिन खालसा पंथ की स्थापना की जो सिखो के लिए महत्वपूर्ण घटना साबित हुई। गुरु गोविंद सिंह ने सिख समुदाय से जीवन जीने के 5 सिद्धांतों (जिन्हें पंच ककार कहा जाता है) केश,कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा को अपनाने का आदेश दिया था।
गुरु गोविंद सिंह के जन्मदिन पर नौतनवा नगर में किसी भी प्रकार की झांकी व शोभायात्रा से परहेज किया गया और मात्र गुरुद्वारा में शब्द कीर्तन कर गुरु गोविन्द सिंह जी के जन्मदिन को मनाया गया और पेंटिंग प्रतियोगिता में अव्वल आने वाले बच्चो को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा में चल रहे शबद कीर्तन में पहुचे नौतनवा नगर पालिका अध्यक्ष गुड़डू खान ने ज्ञानी सुच्चा सिंह से शीश झुकाकर आशीष प्राप्त किया तथा मानव समाज को गुरु गोविन्द सिंह जी की जयन्ती की बधाई देते हुए कहा कि “गुरु गोविन्द सिंह ने अपना जीवन सत्य,न्याय और करुणा जैसे मानव मूल्यों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रमुख सरदार परमजीत सिंह उर्फ बाबी सिंह,सरदार रंजीत सिंह,सरदार कुलदीप सिंह, शाहनवाज खान,बन्टी पाण्डेय,राजकुमार गौड़,प्रमोद पाठक, सरदार पम्मे सिंह,सरदार सहेंद्र सिंह, सरदार रम्पी सिंह, अशलान खान,सरदार राजेन्द्र सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।