उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति को मिली “मंजूरी”…

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लखनऊ (जनमत):- उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति जारी कर दी है। वर्ष 2021-22 में सरकार ने आबकारी विभाग से 34500 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है जिसके तहत प्रदेश में शराब उत्पादन का प्रोत्साहन किया गया है। नीति का मकसद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस व गुड गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। यूपी में अब अपने घर में सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। उपभोक्ताओं को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शराब उपलब्ध करवाने के लिए ग्रेन ई.एन.ए. से निर्मित उच्च गुणवत्ता युक्त यूपी मेड लिकर की टेट्रा पैक में बिक्री देशी शराब की दुकानों से अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य 85 रुपये में होगी।

वहीं, देशी शराब के अधिकतम फुटकर विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। वर्ष 2021-22 में आबकारी विभाग की समस्त प्रक्रियाओं को कम्प्यूटराज्ड कर इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (IESCMS) लागू होगा।  इस नीति के तहत, प्रदेश में शराब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में उत्पादित फल से प्रदेश में निर्मित शराब आगामी पांच साल के लिए प्रतिफल शुल्क से मुक्त होगी।

विंटनरी अपने परिसर में स्थानीय उत्पादित वाइन की फुटकर बिक्री कर सकेगी। विंटनरी परिसर में एक ‘वाइन टैवर्न’ जहां वाइन को पसंद करने वालों को वाइन टेस्टिंग की अनुमति होगी, स्थापित किया जाएगा। फुटकर दुकानों से बिक्री पीओएस मशीन से करने की व्यवस्था भी लागू होगी।  इसके अलावा फुटकर दुकानों पर भी ई पोस मशीन अब अनिवार्य होगी।

Posted By:- Ankush Pal…

Special Desk.