उन्नाव (जनमत):- बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। साक्षी महाराज ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर भी दो बड़े बयान दे डाले। साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव पर निशान साधते हुए कहा कि कभी अखिलेश राम भक्त होने का प्रदर्शन करते हैं तो कभी राम विरोधी होने का। वो सही रास्ते पर चल नही सकते लेकिन उन्हें सही रास्ते पर ही चलना चाहिए। सही मार्ग ही कल्याणकारी होता है। जबकि किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन करने वाले किसानों को लेकर भी बड़ा बयान दिया। साक्षी महाराज ने कहा कि किसान तो खेतो में काम कर रहा है। प्रदर्शन करने वालों में कुछ भटके हुए किसान हैं। जबकि कुछ लोग किसान नही बल्कि बड़े ब्यापारी हैं।
साक्षी महाराज ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि अखिलेश जी पढ़े लिखे व्यक्ति हैं, मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता उनके लिए, लेकिन उनकी स्थिति भी एक दिग्भ्रमित स्थिति है। अखिलेश जी कभी साधू महात्माओं के यहां जाते हैं, कभी राम भक्त होने का प्रदर्शन करते हैं तो कभी राम विरोधी होने का प्रदर्शन करते हैं। तो उनकी समझ में नहीं आता कि रास्ता कौन सा है। आपके चैनल के माध्यम से हम अखिलेश जी से विनम्र आग्रह करेंगे की रास्ता तय कर लें। कि उन्हें राम के मार्ग पर चलना है या रावण के मार्ग पर चलना है। रास्ता उन्हें तय करना है हमें नहीं करना है। और उनके दिल में कहीं ना कहीं हैं कि हम सही रास्ते पर चलें, लेकिन परिस्थिति कुछ ऐसी हो गई है कि सही क्या है। मगर कुछ मजबूरियां हैं कि सही रास्ते पर चल नहीं सकते। उन्हें चलना चाहिए सही मार्ग ही कल्याण कारक होता है।
साक्षी महाराज ने किसान बिल के विरोध में किये जा रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर बड़ा बयान दिया। साक्षी महाराज ने कहा कि सही बात तो यह है किसान खेत में काम कर रहा है, अगर आपको किसान देखना है तो कल गंज मुरादाबाद में किसान सम्मेलन है, आप चलिए मैं दिखाऊंगा आपको। किसान खेतों में काम कर रहा है और जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें कुछ भटके हुए किसान हैं और कुछ लोग किसान नहीं बहुत बड़े व्यापारी हैं। कोई 500 बीघा के जोता, कोई 1000 बीघा के जोता, उनके पेट में दर्द है। सारे देश में आंदोलन केवल दो-तीन जगह हो रहा है, पंजाब से लोग आ रहे हैं सिंधु बॉर्डर पर, हरियाणा के बॉर्डर पर आ रहे हैं राजस्थान से। क्योंकि दोनों जगह ही कांग्रेस की सरकार है, तो ये किसान बिल का विरोध नहीं है बल्कि निशाना कहीं हैं और इरादे कुछ और है। यह एक दर्द है एनआरसी का दर्द है, 370 का दर्द है, और जो अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बन रहा है उसका दर्द है। तो खिसियानी बिल्ली खंभा नोच रही है, वरना किसान तो खेतों में काम कर रहा है।
Posted By:- Ankush Pal…