खबर का असर:-खाकी कों शर्मसार करने वालों पर गिरी गाज…..

CRIME UP Special News

कानपुर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर के सनिगवां निवासी वृद्धा महिला की 15 साल की नाबालिक बेटी कों 7 जनवरी को ठाकुर नाम का व्यक्ति जो वृद्धा महिला का परिचित था उठा ले गया था। वृद्धा ने 9 जनवरी को सनिगवां चौकी में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें 5 नामजद और 2 अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह और अरुण कुमार ने बेटी को ढूंढने के लिए पुलिस गाड़ी में डीजल भरवाने के नाम पर 12 हजार रुपये वसूल लिए।

हैरानी तो यह है कि पुलिस ने उसकी बेटी कों फिर भी बरामद नही की उल्टा पीड़िता को ही चौकी से भगा दिया था। वृद्धा की शिकायत पर एसएसपी/ डीआईजी डॉ0 प्रीतिंदर सिंह ने जब जांच कराई तो जांच में आरोप सही पाया गया जिस के बाद एसएसपी/ डीआईजी ने दोनों दरोगा को तत्काल निलंबित कर दिया। विभागीय जांच सीओ कैंट को सौंपी है। इसी के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

इस जाँच में ये तो साफ हो गया कि वृद्धा की मजबूरी का फायदा उठाकर दरोगा ने रकम वसूली। पुलिस की जांच में आरोप पर तो मुहर जरुर लग गई है। अब आखीर सवाल यह है कि दोनों दरोगा के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। अगर यही दरोगा ना हो कर कोई सामान्य शख्स होता तो उस पर वसूली का केस कब का दर्ज कर दिया जाता। जब मंगलवार को मामला मीडिया में आया तो पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है। मुख्य आरोपियों का कोई सुराग नहीं है। किशोरी के बारे में भी पुलिस ने अभी तक कोई जानकारी नहीं जुटा पाई है।

यह कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं है। यह कानून का राज करने वाली खाकी की बेगैरत हकीकत है जो अमूमन थाना स्तर पर अक्सर पीड़ितों के साथ अंजाम दी जाती है। बस अफसोस इस बात का होता है कि इस मामले में पुलिस ने कमजोर गरीब महिला की स्थिति का भी ख्याल नही रखा और भीख मांग कर गुजारा करने वाली महिला से रिश्वत लेकर खाकी को शर्मसार कर दिया।

Posted By:- Amitabh Chaubey