देश/विदेश (जनमत):- आज से 100 वर्ष पहले आज ही के दिन 4 फरवरी 1922 को ब्रटिश भारत मे सयुंक्त राज्य के गोरखपुर जिले में चौरी चौरा कांड तब हुआ जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया।जवाबी कार्यवाही में प्रदर्शनकारियों ने हमला कर एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी।इस पूरी घटना के दौरान तीन क्रांतिकारियों और 22 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।इस आगजनी और दर्दनाक घटना की चिंगारी बहुत दूर तक गयी यहाँ तक कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जो कि हिंसा के हमेशा खिलाफ रहते थे।उन्होंने भी इस घटना के परिणाम स्वरूप 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था।आप इसी से अंदाजा लगा सकते है कि चौरी चौरा में हुए इस अग्नि कांड ने देश की आजादी की लड़ाई में कितनी बड़ी क्रांति लायी होगी।आज 4 फरवरी 2021 को चौरी चौरा कांड में शहीद हर स्वंत्रता सेनानी और अमर शहीद को सच्चि श्रधांजली देते हुए पूरा भारत देश शताब्दी वर्ष के मौके पर चौरी चौरा शताब्दी वर्ष मना रहा है।देखिये हमारी ख़ास रिपोर्ट।
उत्तर प्रदेश की धरती धर्म और अध्यात्म की धरती के साथ देश के लिए समर्पित वीर सपूतों की भी रही है।आज जहाँ एक तरफ चौरी चौरा कांड का उत्तर प्रदेश में शताब्दी वर्ष महोत्सव का शुभारंभ चौरी चौरा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुभारम्भ किया वही इस आयोजन में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम से जुड़ी।वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयम चौरी चौरा मे कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे।
आज का दिन वाकई उन सभी हुत आत्माओं ,बलिदानियों और वीर सुपूतो को नमन और श्रद्धांजलि देने का दिन है।चौरी चौरा महोत्सव पूरे वर्ष मनाया जाएगा।प्रदेश के सभी जिलों में विभिन्न विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने वाले वीर सपूतों के सभी स्मारक स्थलों पर पुलिस बेंड द्वारा देशभक्ति के गीत गा कर और दीप उत्सव मना कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे
चौरी चौरा कांड में लगभड़ 228 क्रांतिकारियों के ऊपर ब्रटिश सरकार ने मुकदमा चलाया था।जिसमे कुछ को मृत्यु दंड दिया गया तो कुछ को आ जीवन कारावास तो कुछ को 8 वर्ष 5 वर्ष तो कुछ को 2 वर्ष की सजा मिली थी।ख़ास बात ये रही कि चौरी चौरा कांड में क्रांतिकारियों के मुकदमे को महान देश भक्त पंडित महामना मदन मोहन मालवीय एक अधिवक्ता के रूप में लड़ रहे थे।जिसमें उन्हें बड़ी सफलता भी हाँथ लगी थी उन्होंने केस लड़ते हुए 150 क्रांतिकारियों के फाँसी की सजा को माफ करा कर देश भक्ति की एक अद्भुत मिसाल पेश की थी।वही आज के शताब्दी महोत्सव में एक डाक टिकट भी जारी किया गया सभी वीर सेनानियों के सम्मान में।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी कहते थे कि भारत कोई भूमि का टुकड़ा नही बल्कि एक जीत जागता राष्ट्र है।ये वंदन की धरती है ये अभिनंदन की धरती है।इसकी नदी नदी गंगा।कंकड़ कंकड़ में शंकर है।हम जिएंगे तो इस भारत के लिए हम मरेंगे तो इस भारत के लिए।और ऐसी ही सोच का संकल्प हम सभी भारत वासियों को आज के खास मौके पर लेना चाहिए।और आज के इस क्रांतिकारी दिवस को इतने भव्य तरीके से मनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र है।क्योंकि राजनीति से ऊपर उठ कर ही सच्ची देश भक्ति का परिचय दिया जा सकता है।बस बात तब बने जब वाकई में पूरे वर्ष सभी शहीद स्मारको को स्वक्छ और पवित्र रखा जाए।
फिलहाल हमारी इस ख़ास पेशकश में इतना ही और चलते चलते एक ही बात कहना चाहूंगा की आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य,इंसान होना तो भाग्य है पर देश भक्त होना सौभग्य।सभी स्वंत्रता सेनानियों और शहीदों को जनमत परिवार की तरफ से सच्ची श्रधंजलि और नमन आइये शहीदों के बलिदान को सार्थक बनाने के लिए एक हो देश को एटीएम निर्भर बना देश की रक्छा और सम्मान के लिए संकल्पित हो।।जय हिंद जय भारत।
POSTED BY:- ANKUSH PAL….
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