लखनऊ (जनमत):- यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान जहाँ चिकित्सा सुविधा के क्षेत्र में समय समय पर नये नये कीर्तिमान स्थापित करता रहा है इसी के साथ ही दुर्लभ बिमारी से पीडित और निराश लोगो को उपचार प्रदान करने के मामले में भी अग्रणी भूमिका निभाता चला आ रहा है. इसी कड़ी में एसजीपीजीआई के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रोफेसर ज्ञानचंद ने पहली बार पैरा थायराइड ग्रंथि के टयूमर को मुंह के रास्ते निकालने की दुर्लभ शल्य क्रिया करने में सफलता हासिल की है। आपको बता दे कि इसके तहत जिस रोगी का ऑपरेशन किया गया, वह रायबरेली में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत है।
दरअसल महिला को गुर्दे मे बार बार होने वाली पथरी की शिकायत थी। इसके उपचार के लिए कई अस्पतालों में भटकने के बाद और कई दर्दनाक ऑपरेशन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद उसे संजय गांधी पीजीआई के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में रेफर किया गया। जरूरी जांचें करने के बाद डॉक्टर ज्ञानचंद ने पाया कि गुर्दे में पथरी बनने का कारण पैरा थायराइड ग्रंथि में बना हुआ टयूमर है, जिसे निकालने के बाद ही उसे पथरी से निजात मिल पाएगी। इस टयूमर को निकालने के लिए मुंह के रास्ते दूरबीन के द्वारा ऑपरेशन किया जाना था,जो चिकित्सा जगत में एक जटिल शल्यक्रिया मानी जाती है लेकिन अपने ज्ञान, तकनीकी क्षमता और आत्मविश्वास के बल पर प्रोफेसर ज्ञानचंद ने इसमें सफलता प्राप्त की।
आपको बता दे कि यह महिला कॉन्स्टेबल अविवाहित है। उनका परिवार यह नहीं चाहता था कि ऑपरेशन का कोई भी निशान उनके गले में दिखे। ऑपरेशन के बाद से पूरा परिवार बहुत खुश हैं और इस बात की और भी खुशी है कि अब गुर्दे में होने वाली पथरी से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा।महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। इस उपलब्धि पर संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने भी प्रोफेसर ज्ञानचंद को बधाई दी है।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…
JANMAT NEWS, LUCKNOW.