लखनऊ (जनमत) :- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जहाँ हाल के दिनों में आरक्षण को लेकर भारी संख्या में आपतियां आयी थी, वहीँ एक बार फिर आरक्षण की स्थिति को लेकर बदलाव हो सकता है, क्योंकि हाईकोर्ट ने 2015 के चुनाव को आधार मानकर आरक्षण का निर्धारण करने का आदेश दिया है। जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत ब्लॉक प्रमुख, ग्राम प्रधान, बीडीसी तथा ग्राम पंचायत सदस्य पद के आरक्षण का अनंतिम प्रकाशन दो मार्च को जारी किया गया था जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण शासन स्तर से पहले ही अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया था। इसके बाद अब तक निर्धारित किए गए आरक्षण में पूरी तरह फेरबदल होने की संभावना है। ज्यादातर सीटों पर आरक्षण बदलने की उम्मीद है। 2015 में निर्धारित रहे आरक्षण से अगली श्रेणी के लिए पंचायतों का आरक्षण किया जाएगा।
इसी के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख से लेकर ग्राम प्रधान तक के आरक्षण में बदलाव हो सकता है। पहले आरक्षण का निर्धारण 1995 को आधार वर्ष मानकर चक्रानुक्रम में किया गया था लेकिन अब हाईकोर्ट ने 2015 के चुनाव को आधार वर्ष मानकर आरक्षण जारी करने के आदेश दिए हैं। जानकारों का कहना है कि नए आदेश से जिला पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्य, ब्लॉक प्रमुख एवं बीडीसी, ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्य सभी पदों का आरक्षण प्रभावित होगा। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से दावेदारों का उत्साह ठंडा पड़ गया था। सीट सामान्य या ओबीसी में जाने की संभावना बन गई है। ऐसा हुआ तो जिला पंचायत की राजनीति में एक बार फिर से गरमाहट आ जाएगी। केवल दो ही वार्डों पर कुछ गहमागहमी सी नजर आ रही थी लेकिन नए नियम से जिपं अध्यक्ष पद का आरक्षण बदलने की उम्मीद जताई जा रही है.
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…