सरकार ने हर जिले में रैपिड रेस्पॉन्स टेस्टिंग अभियान की शुरूआत

सरकार ने हर जिले में रैपिड रेस्पॉन्स टेस्टिंग अभियान की शुरूआत

UP Special News

जालौन(जनमत):- कोरोना संक्रमण ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पैर तेजी से पसारने शुरू कर दिए हैं जिसकों लेकर प्रदेश सरकार ने हर जिले में टीमें बनाकर ग्रामीण इलाकों में रैपिड रेस्पॉन्स टेस्टिंग करने की बात कही हैं। ताकि टेस्टिंग के दौरान कोरोना से संक्रमित मरीज़ो का पता लगाया जा सकें और सही समय पर ऐसे लोगों को ईलाज की सुविधा मुहैया हो सकें। बतादे कि कोरोना संक्रमण ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है और शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी कोरोना जांच के उपरांत कई लोगो की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहीं हैं। इस बात को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश सरकार ने हर जिले में रैपिड रेस्पॉन्स टेस्टिंग अभियान की शुरूआत की है जिससे कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर रोकथाम लगाई जा सके।

वही जनपद जालौन में इस अभियान की कमान डीएम प्रियंका निरंजन ने संभाली और ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर पर टीमें बनाई हैं ताकि कम समय मे ज्यादा से ज्यादा लोगों की एंटीजन व आरटीपीसीआर जांच हो सकें साथ ही टीमों को कुछ जरूरी दिशानिर्देश भी दिए हैं। कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई दे तो तुरंत कंट्रोल रूम में सूचना दे जिससे मेडिकल टीम के द्वारा संक्रमित व्यक्ति को बेहतर इलाज मिल सकें। इस डोर टू टेस्ट अभियान में 1186 आशा कार्यकत्री को लगाया गया है जिनके द्वारा तीन दिन में एक लाख से घरों का सर्वे किया जा चुका है और रोजाना 2000 से ज्यादा लोगों की जांच की जा रहीं हैं। टेस्टिंग में करीब 768 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। जिसमें गम्भीर हालत वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है व हल्के लक्षण वाले व्यक्ति को मौके पर ही मेडिकल किट दी जा रहीं हैं।

वहीं सरकार के इस फ़ैसले से लोग काफी खुश नजर आए और इसकी प्रशंसा भी कर रहे हैं। जांच कराने आए ग्रामीणों का कहना हैं कि यह सरकार का अच्छा फैसला है कि अगर कोई व्यक्ति जांच कराने के लिए दूर नही जा पाता है तो वह रैपिड टीम के माध्यम से घर बैठे ही आसानी से अपनी जांच करवा सकता है औऱ अगर लक्षण पाएं जाते हैं तो डॉक्टर्स की टीम उनका ख्याल रखेंगी और ठीक समय पर इलाज मिल सकेगा। वहीं जालौन डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि जालौन 25 सेम्पलिंग टीमें हैं जो गांव-गांव जाकर जांच कर रहीं हैं इसके लिए दो सदस्यीय टीम बनाई है और 1186 आशा कार्यकत्रियों को इस अभियान में शामिल किया गया है। जांच के बाद अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाएं जाते है होम आइसोलेशन के लिए किट दी जाती हैं व गंभीर व्यक्ति को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाता हैं।

पिछले तीन दिनों में होम आइसोलेशन की 750 किट बांट चुके हैं। टीमों की निगरानी के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई हैं। जिससे रोजाना फीडबैक लिया जा सकें और लोगों तक होम आइसोलेशन  किट पहुंचाई जा सके। रोजाना 1200 आरटीपीसीआर व 700 एंटीजन टेस्ट किए जा रहें हैं और जांच के बाद लोगों तक होम आइसोलेशन किट पहुंचाई जाती हैं। अगर कोई भी व्यक्ति एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आता है तो उसे भी होम आइसोलेशन किट दी जाती हैं।

Posted By:-Amitabh Chaubey

Reported By:-Vishnu Pandey