लखनऊ (जनमत):- देश में भले ही कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार को कुछ ब्रेक लगी हो लेकिन अभी भी वायरस संक्रमण को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है| आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशुतोष शर्मा का कहना है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करके ही वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता है| उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के लिए लगाई जा रही वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की दुर्भावना ना पाले|
कोरोनावायरस के म्यूटेशन पर भी वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी कारगर होगी| उन्होंने कहा कि वायरस के रूप बदलने पर भी शरीर में बनी एंटीबॉडी पूरी तरह से बेकार नहीं होगी| एंटीबॉडी चाहे वैक्सीन के लगने से बनी हो या फिर कोरोना से उबरने के बाद विकसित हुई हो यह वायरस के रूप बदलने पर भी कारगर रहेगी| प्रो० शर्मा ने कहा कि इस साल के अंत तक देश 80 फ़ीसदी लोग हो का वैक्सीनेशन हो सकता है|
इसके अलावा जो लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार हो ठीक हो चुके हैं उनमें भी एंटीबॉडी विकसित हो जाएगी| ऐसै में देश में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाएगी इसके बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना बेहद जरूरी है| क्योंकि वायरस का ट्रांसमिशन रोकने से इसके म्यूटेशन की संभावना भी कम हो जाती है| प्रोफेसर आशुतोष शर्मा भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव भी हैं|