बलरामपुर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद बलरामपुर में वैश्विक महामारी के दौरान क्षेत्र के विकास को लेकर सतत् प्रयासरत रहने वाले जनपद के विकास पुरुष सदर विधायक पल्टूराम द्वारा विधानसभा बलरामपुर के विकास में एक नया आयाम जोड़ते हुए वीर विनय चौक से फुलवरिया बाईपास तक लगभग 5 किलोमीटर सड़क को 10 मीटर चौड़े सीसी रोड बनवाये जाने हेतु व गोंडा – तुलसीपुर मार्ग हेतु बाइपास निर्माण हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दिलाये जाने में सफलता प्राप्त की है ।
बताते चले कि बलरामपुर नगर में बढते जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए सदर विधायक पल्टूराम निरंतर प्रयासरत रहे जिसका नतीजा है कि बलरामपुर में रिंग रोड के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है इससे गोंडा बहराइच, तुलसीपुर, उतरौला से नगर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों व यातायात को नगर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा । तुलसीपुर- उतरौला बाईपास पर ग्राम सोनार के पास पुल का निर्माण कार्य जारी है ।
इसी क्रम में एक नया आयाम जोड़ते हुए सदर विधायक पल्टूराम द्वारा गोंडा- तुलसीपुर मार्ग पर बाईपास के निर्माण की स्वीकृति मिली है । इंजीनियरों द्वारा यह पाया गया है नगर में झारखंडी रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज बनने से व्यापारियों व आम जनमानस के कई आवास क्षतिग्रस्त होंगे अत: ओवर ब्रिज बनना संभव नहीं है इस कारण बाईपास बनाने की सलाह पर इसके लिए सदर विधायक द्वारा प्रयास किया गया जिसमें शासन द्वारा बाईपास के निर्माण हेतु स्वीकृति मिल गई है रिंग रोड हेतु 50 करोड़ रुपये का बजट निर्गत किया गया है ।
नगर के ही वीर विनय चौक से फुलवरिया बाईपास तक 7 मीटर तारकोल की सड़क पर बरसात में पानी भरने से व चीनी मिल होने के कारण भारी जाम से आम जनमानस को दिक्कत होती थी लगभग 5 किमी यह सड़क अब 10 मीटर चोड़े सीसी रोड के रूप में बनेगी इस हेतु 20 करोड़ रूपये का बजट निर्गत किया गया है । जनपदवासियों ने उपरोक्त कार्यों के लिए सदर विधायक पल्टूराम की भूरि भूरि प्रशंसा की है । विकास कार्यों को लेकर स्वीकृति कार्यों की जानकारी सदर विधायक ने प्रेस वार्ता के दौरान दी ।
सदर विधायक पल्टूराम ने रिंग रोड बनाये जाने हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर बताया था कि जनपद के मुख्य मार्ग से देवीपाटन मंदिर, कपिलवस्तु, नेपाल, गोरखपुर आदि जनपदों में आने जाने के लिए एक ही रास्ता है जिससे नगर में भारी जाम होता है और आम जनमानस को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ।