देश/विदेश (जनमत):- देश में कोरोना टिकाकरण लगातार जारी हैं वहीँ ब्लैक फंगस और टीके को लेकर देश में पहली बार दो अलग-अलग अध्ययन सामने आए हैं। इनमें से 12 राज्यों के 19 अस्पतालों में हुए एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जहां कोविशील्ड टीका लेने वालों में कोवाक्सिन लेने वालों की तुलना में एंटीबॉडी का स्तर अधिक मिला। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर किए गए एक अन्य शोध में कहा गया है कि स्टेरॉइड के साथ-साथ मधुमेह की दवाएं न लेने इसका खतरा बढ़ा। ब्लैक फंगस देश के 26 राज्यों में फैल चुका है। गौर करने वाली बात है कि देश में फंगस पिछले साल ही फैल चुका था। डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इस तरह का अध्ययन किया है।
इसी के साथ ही अध्ययन में पता चला है कि साल 2019 की तुलना में 2020 में ही फंगस के मामले तेजी से बढ़ने लगे थे, लेकिन उस दौरान राज्य और केंद्र सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अगर ऐसा होता तो शायद फंगस से बीते तीन माह में हुई मौतों को रोका जा सकता था। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के सेंटर फॉपिछले वर्ष नवंबर में कुछ केस सामने आए थे जिसके बारे में बहुत अधिक चर्चा हुई भी नहीं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, फंगस पर अध्ययन के परिणाम कई सवालों के जबाव दे रहे हैं लेकिन वर्तमान में अचानक से फैलने के पीछे भी एक अध्ययन होना चाहिए। ताकि दूसरी लहर में मामले बढ़ने के कारणों का पता चल सके।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…