गरीबों के आशियाने पर छाये “संकट” के बादल….

UP Special News

लखनऊ (जनमत):-  उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में  मजदूर  वर्ग  जो बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का गुजारा कर रहा है अब उसके आशियाने पर  भी  संकट के बादल मंडराने लगे हैं. आपको बता दे कि     काला काकर योजना निशातगंज में नाले के किनारे आश्रयहीन परिवार मजबूरी में अपना-अपना आवास बनाकर विगत 40 वर्षो से भी अधिक समय से सपरिवार निवास कर रहे हैं। यहां के आबादी के सभी परिवार मजदूर वर्ग के है। काला काकर योजना के संभ्रान्त कालोनीवासियों के यहां चौका बर्तन माली गिरी खाना बनाना, गाड़ियों की साफ सफाई, सीवर मैन होलों की सफाई, शौचालय आदि की सफाई करके जीविकोपार्जन कर रहे है। काला काकर योजना के कुछ सम्रान्त परिवारों को यहां के निवासियों के रहने से आपत्ति है। बरसों से हमें यहां से उजड़वाने के लिए प्रयास कर रहे है। ये बड़े लोग तरह-तरह का आरोप लगाकर हम लोगों को बदनाम कर रहे हैं। हम लोग इनके कोठी बंगलों में काम करके ही अपनी जीविका चलाते हैं किसी प्रकार का ऐसा कृत्य हम लोग नहीं करेंगे जिसके कारण हमारा काम व हमारा आवास हमसे छीन लिया जाये, विगत दिनों में कुछ लोगों ने एक धार्मिक विवाद अकारण पैदा किया था जिस पर पूरी तरह से जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन द्वारा प्रशासनिक कार्यवाही कर समस्या का समाधान करा दिया गया है। हम लोगों से किसी प्रकार से इस मामले में कोई मतलब नहीं है।

कालोनीवासियों के शिकायत पर ही दिनांक 04.06.2021 को श्रीमान नगर आयुक्त जी ने मौके पर स्वयं निरीक्षण कर यहां के निवासियों के रहने की दयनीय स्थिति को स्वयं देखा है। नगरप्रार्थना पत्र प्रेषित किया था। आज दिनांक 05.06.2021 को नगर निगम लखनऊ जोन-4 के श्रीमान जोनल अधिकारी द्वारा सभी निवासियों को नोटिस प्राप्त हुई है। नोटिस के माध्यम से एक सप्ताह में स्वतः हट जाने की चेतावनी दी गयी है. अथवा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। नोटिस के प्राप्त होने से यहां के निवासियों में उजड़ने का भय व्याप्त है।   इसी के चलते यहाँ रहेने वाले लोगो के मुताबिक  लोकप्रिय सरकार गांव से लेकर शहरों के आश्रयहीन परिवारों को छत (घर) दे रही है। ऐसी स्थिति में कोरोना संकट, बरसात के समय आश्रयहीन परिवारों को अतिक्रमण अभियान से मुक्त कराकर सरकारी आवासीय योजना में रहने के लिए आवास छत (घर) दिलवाने की कृपा करें आवास मिलते ही यहां के सभी निवासी नाले की जमीन को स्वतः छोड़कर चले जायेंगे।

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..

REPORT- ASHISH KUMAR, LKO.