अयोध्या (जनमत):- अयोध्या नगरी में राम जन्मभूमि परिसर विस्तार को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ता जा रहा है। राजनैतिक पार्टियों के बाद अब रामालय ट्रस्ट के अविमुक्तेश्वरानंद ने भी मोर्चा खोल दिया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी के खिलाफ जांच के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। वे राम मंदिर के नाम पर रामकोट में प्राचीन मंदिरों को तोड़े जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
जिसके लिए निर्मोही अखाड़ा के वकील रहे रंजीतलाल वर्मा को अपना अधिवक्ता तय किया है। और अब अयोध्या के संतों को भी इस मुहिम में शामिल करने के लिए मुुलाकात किया है। वही राम जन्मभूमि परिसर में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के साथ परिसर के विस्तार को लेकर प्रक्रिया की जा रही है जिसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अभी तक फकीरे राम, कौशल्या भवन को खरीदा जा चुका है इसके साथ ही परिसर से सटे अन्य लोगों को विस्थापित किए जाने के लिए अयोध्या में कई स्थान पर अतिरिक्त जमीन भी ली गई हैं।
दुबई अयोध्या के रेलवे स्टेशन के पीछे स्थित बाग बघेश्वर क्षेत्र में 12080 वर्ग मीटर भूमि खरीदारी पर राजनीतिक पार्टियों ने ट्रस्ट पर दो करोड़ की भूमि ₹18 करोड़ खर्च करने का बड़ा आरोप लगाया वहीं इस मामले पर रामालय ट्रस्ट भी सामने आ गया है। और रामालय ट्रस्ट के ट्रस्टी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार व ट्रस्ट से मांग किया है कि ट्रस्ट भक्तों के पैसों में भ्रष्टाचार कर रहा है। इसका निराकरण हो चाहिए। इसके लिए ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय व सदस्य अनिल मिश्र पर जांच किया जाए। और उन्हें जांच होने तक पद से निलंबित किया जाए।अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षों से हमारे पूर्वज संघर्ष करते रहे हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी के खिलाफ जांच के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। राम मंदिर के नाम पर रामकोट में प्राचीन मंदिरों को तोड़े जाने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। जिसके लिए निर्मोही अखाड़ा के वकील रहे रंजीतलाल वर्मा को अपना अधिवक्ता तय किया है। अयोध्या के संतों को भी इस मुहिम में शामिल करने के लिए मुलाकात की गयी है।
Posted By:- Amitabh Chaubey Reported By:- Azam Khan