अयोध्या(जनमत):- अयोध्या में पद्मश्री मो शरीफ चाचा को सरकार व जन प्रतिनिधियों से केवल आश्वासन ही मिला है। जो सुविधाएं देने का वादा प्रशासन व विधायक, सांसद व नगर निगम के महापौर से मिला था। डेढ़ साल बीतने के बाद भी राहत के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।वही बुजुर्ग मो शरीफ ऐसे सख्श हैं। जिन्होंने सारी जिंदगी लावारिस शवों का दाह-संस्कार करने में लगा दिया। उनके मुताबिक अब तक करीब 2 हजार से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसी समाज सेवा पर उन्हें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था।
लेकिन अभी तक उनको अवार्ड तक भी नही मिला।कोरोना काल की वजह से अभी तक अवॉर्ड नही मिल पाया।अभी उनके पास इस समय ले देकर दिखाने के नाम पर पद्मश्री अवार्ड का आदेश लेकर मात्र ही है। मो शरीफ चाचा बेहद मायूसी में कहते हैं कि मैंने कुछ मांगा नहीं। लेकिन आश्वासन विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, सांसद लल्लू सिंह व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने दिए थे कि पीएम योजना में मकान व परिवार के एक को सदस्य को नौकरी मिलेगी।लेकिन आज तक कुछ भी नहीं मिला।’हम केवल यही चाहते हैं कि मेरे जीते जी मकान व परिवार की रोजी रोटी चलते का रास्ता निकल आए। इसके लिए एक लड़के को कोई नौकरी मिल जाए। परिवार में 10 सदस्य हैं। जिनमें पांच लड़कियां हैं सबकी पढ़ाई लिखाई शादी ब्याह कैसे होगा? इसी की चिंता सताती है।
बीजेपी से जुड़े जन प्रतिनिधियों से नाराज़ चाचा मो शरीफ कहते हैं कि ये लोग आते हैं। फोटो खिंचवाते हैं। मदद का आश्वासन देकर चले जाते हैं।डेढ़ साल से यही हो रहा है। पूरा परिवार जर्जर पुराने मकान में रह रहा है।रोजी रोटी का संकट ऊपर से परेशानी का सबब बना हुआ है।उनके बेटे मो सगीर का कहना हैं कि लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने का उनके पिता का जज्बा बीमारी व बुढ़ापे में भी कायम है।अब शारीरिक तौर पर जहां नहीं पहुंच पाते वहां हम जा कर वह काम पूरा कर रहे हैं। यह सिलसिला जारी रहेगा।
Posted By:- Amitabh Chaubey Reported By:- Azam Khan