छत्तीसगढ़ (जनमत):- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर बीते शनिवार को अंबिकापुर में हुए हमले पर अभी भी मामला थमता नज़र नहीं आ रहा है| आदिवासी विधायक बृहस्पति सिंहपर को शोसल मीडिया पर काफ़ी ट्रोल किया जाता रहा है जाहिर है दबंगई दिखाने का पूरा मामला है क्योकि पूरा सरगुजा जनता है की सरगुजा में एक तरफ़ा दबंगई किसकी चलती है ,हमला करने वाले की पहचान होने के बाद इसे राजनैतिक रंग देने की कोशिश की जाती रही है|
वाहनों को ओवरटेक करने से नाराज एक युवक ने विधायक बृहस्पति सिंह की कार की विंडशील्ड तोड़ दी और सुरक्षा कर्मियों को गालियां दीं क्या इसे दबंगाई नहीं कहेंगे? बलरामपुर से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि ‘वे महाराजा हैं और सीएम बनने के लिए मेरी हत्या भी करवा सकते हैं। इसके बाद शुरू होता है एक आदिवासी विधायक पर जोर दार तरीके से दबाव बनाने का सिलसिला और पॉवर पॉलिटक्स क्योकि बाबा कई दिनों से मौके पर छक्का मरने के इंतज़ार में थे और मौका मिल ही गया चलते विधानसभा सत्र में इस गैर मामूली घटना को बड़ा बना दिया गया कहने को तो मामले का पटाक्षेप हो गया है ऐसा कहा जा रहा है|
लेकिन हकीकत इससे कहीं पर है ,एक आदिवासी विधायक को अपमानित किया गया है एक तरफ जहां सरगुजा महाराज अपने पर लगे आरोपों को लेकर अभी खींझ रहे हैं, तो दूसरी तरफ उनके ही समर्थक सोशल मीडिया पर विधायक को धमकियां दे रहे हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का यह मानना है कि पूरी घटना से कांग्रेस पार्टी को नुक़सान ही होगा। आदिवासी विधायक को न्याय मिलने के बजाय बाबा समर्थकों ने विधायक को पार्टी से निष्कासन करने का नोटिस दिला दिया। गरीब विधायक को उल्टे सार्वजनिक माफ़ी माँगने को मजबूर कर दिया। वैसे राजनैतिक गलियारों में तो ये भी चर्चा है की सारा खेल बाबा के किसी ख़ास ने रचा है जो सरकार में जिम्मेदार पद पर है|