अयोध्या(जनमत):- अयोध्या की रहने वाली शेफाली अग्रवाल ने राम नाम लिखते हुए तुलसीदास कृत रामचरितमानस को लिख डाला है। रामचरितमानस की एक एक चौपाई का एक एक अक्षर राम नाम से लिखा गया है| यही नही मात्रा तक राम नाम से लिखा गया है पूरी रामचरितमानस में कोई लकीर तक नही खिंची गई है| सिर्फ रामनाम से ही अक्षर ,पूर्णगिराम बनाये गए है| यही नही शेफाली ने रामायण के प्रसंगों का चित्रण भी राम राम लिख कर किया है। शेफाली अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने दिखाना चाहती है।
शेफाली चाहती है कि 29 अगस्त को जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अयोध्या आएं तो वह हाथ से रामनाम लिखी रामचरितमानस की एक प्रति भेंट करना चाहते है। शेफाली अग्रवाल को बचपन से ही रामलीला देखने का शौक था। शेफाली अग्रवाल अंबेडकरनगर के टांडा तहसील की रहने वाली थी। शेफाली का श्री राम के प्रति विशेष अनुराग है। उनकी शादी भी अयोध्या में हुई। बचपन से ही आध्यात्मिक माहौल मिलने से शेफाली जब ससुराल आयी तो भगवान राम के प्रति आस्था देखकर उनके ससुराल के लोगों ने भी उनका सहयोग किया। शेफाली की राइटिंग बहुत अच्छी थी| शेफाली ने पहले राम राम छोटे-छोटे महीन महीन लिखना शुरू किया।फिर उनको प्रेरणा हुई की उनको रामचरितमानस राम नाम से लिखना चाहिए।
शेफाली ने अपने पति पवन अग्रवाल के सहयोग से रामचरित मानस की चौपाइयों को राम नाम के प्रत्येक अक्षरों को बनाते हुए लिखना शुरू किया। शेफाली ने डेढ़ वर्षो में 920 पेज की रामचरितमानस की रचना ही कर डाली। खास बात यह है कि इस रामचरितमानस में शेफाली ने कहीं भी ना ही मात्रा के लिए कोई लकीर खींचा, ना ही पूर्ण ग्राम के लिए कोई लकीर खींचा और ना ही किसी अक्षर को बनाने के लिए कोई लकीर खींचा। राम राम राम शब्द को लिखते हुए चौपाई , छंद और पूरी रामचरितमानस को ही लिख डाला।शेफाली ने इसके साथ-साथ हनुमान चालीसा भी राम नाम के सहारे लिखी है।शेफाली अग्रवाल ने रामचरितमानस के साथ-साथ रामायण के प्रसंगों पर आधारित 101 पेंटिंग बनाई है। इस पेंटिंग की भी खासियत है कि वह भी राम शब्द से बनी है।
इसमें भी ना ही कोई लकीर खींची गई और ना ही किसी तरीके की और अन्य विधि को इस्तेमाल किया गया। शेफाली ने सुंदरकांड और श्रीमद्भागवत गीता भी राम नाम शब्द के सहारे लिखा है। शेफाली के परिजन भी शेफाली का सहयोग करते हैं। शेफाली की इच्छा है कि उन्होंने जितनी भी पेंटिंग्स बनाई है। इसके अलावा जिन धार्मिक पुस्तकों को राम नाम के सहारे कॉपी किया है। लिखा है। उसकी एक एग्जीबिशन लगाना चाहती हैं। रामचरितमानस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अयोध्या आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक प्रति भेंट करना चाहती हैं ।