महराजगंज(जनमत):- खबर उत्तर प्रदेश के जनपद महराजगंज से है जहां बच्चों में तेजी से बढ़ते बुखार के मामले के बावजूद महराजगंज का जिला अस्पताल संसाधनों के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। जिला संयुक्त चिकित्सालय के नवजात शिशु देखभाल इकाई में रोगियों की संख्या बीते कुछ दिनों से बढ़ती जा रही है।
आज कल तेज बुखार उल्टी डायरिया और झटके के मरीज जिला अस्पताल लगातार आ रहे हैं। जनपद के सबसे बड़े सरकारी हस्पताल में बेड का भारी अभाव देखने को मिल रहा है। एक बेड पर तीन से चार बच्चों को भर्ती किया गया है। इसमें एक संक्रमित बच्चे से दूसरे बच्चे में संक्रमण का खतरा हो सकता है और चिकित्सक चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
पिछले एक हफ्ते की बात की जाए तो लगभग चार सौ से ज्यादा बच्चों का इलाज जिला अस्पताल से हो चुका है।ऐसे में जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था कामचलाउ कही जा सकती है। महराजगंज जिला दिमागी बुखार के नजरिए से भी संवेदनशील रहा है। बारिश के मौसम के बाद बच्चों में अचानक से तेज बुखार की शिकायत बढ़ने लगता है।
जुलाई से लेकर अक्टूबर तक बच्चों में दिमागी बुखार के मामले भी ज्यादा देखने को मिलते हैं।इसके बावजूद जिला अस्पताल के नवजात शिशु देखभाल इकाई में बेड की संख्या मरीजों की तुलना में बेहद कम है।
जिला अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि कम बेड और अन्य सुविधाओं का अभाव तो है लेकिन इसी में बेहतर किया जा रहा है। अपने परिजनों से जिला अस्पताल मिलने आए आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच नन्हे बच्चों का इस तरीके से इलाज़ होना सरकार की असफलता है।
अभी कोरोना पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है ऐसे में जिला अस्पताल की बच्चों को लेकर की गई तैयारी नाकाफी है। पिछले 3 दिनों से अपने बच्चे का इलाज करा रहे परिजन जितेंद्र यादव का कहना है कि उनका बच्चा ऑक्सीजन पर है और एक बेड पर 3 बच्चों को सुलाया गया है।
आगे ये देखना है कि उच्च अधिकारी इस पर क्या कार्यवाहीं करते है|