लखनऊ (जनमत) :- सीएम योगी के मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को लेकर राजपूत और गुर्जरों के बीच सम्राट मिहिर भोज के वंशज होने का बना गतिरोध मंगलवार को भी नहीं थमा। ऐसे में विवादों के बीच आज मुख्यमंत्री प्रतिमा का अनावरण करेंगे। मंगलवार को अखिल भारतीय गुर्जर महासभा ने प्रेसवार्ता की तो करणी सेना के कार्यकर्ता घोड़ी गांव में पंचायत करने पहुंच गए। दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष में दावे किए और दूसरे के दावों को खारिज किया। करणी सेना ने प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम का विरोध करने की चेतावनी दी है। कार्यकर्ता पुलिस को चकमा देकर घोड़ी गांव में भी पहुंच गए। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। करणी सेना के अध्यक्ष को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है। प्रशासन के तानाशाही रवैये को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। राजनीतिक दलों की सभाओं के लिए रोकथाम नहीं है और करणी सेना आवाज को बुलंद कर रही है तो प्रशासन कोरोना का पाठ पढ़ा रहा है।
इसी के साथ ही करणी सेना की बैठक के कारण सुबह से ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। घोड़ी गांव में करणी सेना के प्रदेश सचिव सचिन चौहान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता प्राइमरी स्कूल के सभा स्थल पर पहुंचे तो पुलिस ने कार्यकर्ताओं को घुसने नहीं दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने सड़क पर ही बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यकर्ताओं ने गांव के मुख्य गेट पर सभा भी की।करणी सेना के प्रदेश सचिव चौहान ने कहा कि सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार थे। हमारे क्षत्रिय महापुरुष को गुर्जर अपना बनाने चाहते हैं। करणी सेना ऐसा नहीं होने देगी। राजपूतों की आवाज को दबाने वालों को सबक सिखाया जाएगा। राज्य सरकार को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।
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