मैनपुरी(जनमत):- 5 साल पहले उज्जवला योजना की शुरुआत यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी एक तरफ तो प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल उज्ज्वला योजना महिला पात्रों को चूल्हे के दोहे से निजात दिलाने के लिए थी तो वहीं दूसरी तरफ अब इस योजना पर महंगाई की मार पड़ रही है|
पहली बार पात्रों ने योजना का लाभ छुपा लिया लेकिन क्या मुफ्त में सिलेंडर पाने के बाद दोबारा महंगी गैस भर आने का पैसा जनता के पास है| आखिर योजना का लाभ पाने वाली महिलाओं के चौके में दुबारा फिर धुएं वाले चूल्हे की एंट्री क्यों हो गई|
जब हमारी टीनएज की पड़ताल गांव गांव पहुंचकर की तो पता लगा कि जिन महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिला वह तो चूल्हे पर खाना पका ही रही हैं साथ ही जिन को योजना का लाभ मिल भी चुका है वह भी महंगाई के कारण दोबारा सिलेंडर नहीं ले पाए मजबूरन वह भी आज चूल्हे के धुए में ही खाना पका रही हैं|