देश विदेश(जनमत):- पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, मैं देश वासियों के क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए। मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए।
हम किसानों को समझा नहीं पाए कि ये छोटे किसानों को ताकत देगा। पीएम मोदी ने कहा, कृषि में सुधार के लिए तीन कानून लाए गए थे| ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले| सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे. जब ये कानून लाए गए, तो संसद में चर्चा हुई. देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया| मैं सभी का बहुत बहुत आभारी हूं|
साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी| लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए| भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था| हमने बातचीत का प्रयास किया|
ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया| पीएम मोदी ने कहा, हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया| साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरुआत करते हैं|