अलीगढ़(जनमत):- अलीगढ़ जिले में रालोद सपा गठबंधन की रैली के दौरान जयंत चौधरी के द्वारा समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान को मंच पर मौजूद जयंत चौधरी अपने हांथों से धक्के देकर हटाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था। जहां समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक रह चुके जमीर उल्लाह को जयंत चौधरी द्वारा धक्के देकर हटाए जाने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष ने टिप्पणी करते हुए मुजफ्फरनगर में हुए दंगे को लेकर जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए बयान दिया है। यूपी के अलीगढ़ जिले में 23 दिसंबर को इगलास क्षेत्र में सपा रालोद की संयुक्त जनसभा के दौरान जयंत चौधरी ने मंच पर लोगों का अभिवादन करते हुए अलीगढ़ के दो बार विधायक रहे समाजवादी पार्टी के जमीरउल्लाह को जयंत चौधरी ने मंच से पीछे धकेल दिया था।
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ। जिससे जमीर उल्लाह भी काफी आहत दिखाई दिए। इसके के बाद ओवैसी ने भी इस घटना को फिरोजाबाद में मंच से बयान दिया था। जयंत चौधरी द्वारा पूर्व सपा विधायक को मंच से धक्का देकर हटाए जाने की घटना को लेकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआई एम ने अलीगढ़ में नारे लगाकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि मुसलमानों को हर जगह बेइज्जत किया जा रहा है। गुफरान नूर ने कहा है की ओवैसी के द्वारा फिरोजाबाद में हुई रैली के दौरान जयंत चौधरी द्वारा सपा विधायक को धक्का दिए जाने के बाद बयान दिया गया था कि हम आपको सर आंखों पर बिठा कर कंधों पर नचाते हैं। फिर क्यों दूसरे दलों में जाकर बेज्जती और जिल्लत उठा रहे हो। दूसरे दलों के लोगों से जिल्लत उठाकर पूरे मुस्लिम कॉम की बेइज्जती करा रहे हो। इस जिल्लत से अच्छा है उनकी पार्टी में शामिल हो जाओ। हमारे पास आओ आपको इज्जत देने का काम करेंगे।
एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष गुफरान नूर ने मुजफ्फरनगर में हुए दंगे को लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से जयंत चौधरी के द्वारा दो बार के विधायक रह चुके जमीर उल्लाह खान को धक्के देकर मंच से हटाया गया। साथ बदतमीजी की गई। उनको धकियाया गया और यह अलीगढ़ की बात नहीं, हर मंच से जो गठबंधन बना है उसमें हर मंच से बेज्जती की जा रही है। जयंत चौधरी के इस धक्के ने मुजफ्फरनगर दंगे की वो नफरत यहां इस सपा रालोद मंच से याद दिला दी गई। मुजफ्फरनगर में जो दंगा हुआ था उसकी नफरत अलीगढ़ के मंच से दिखाई दी है।जो नरसंहार मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान हुआ था।उस नरसंहार के दौरान सफाई में बैठकर लोग शराब का सेवन कर जाम से जाम टकरा रहे थे। आरोप है कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के दौरान समाजवादी पार्टी में 66 मुस्लिम विधायक थे। लेकिन एक बार भी 66 मुस्लिम विधायकों ने अखिलेश यादव से ये नहीं कहा कि ऐसा नरसंहार मुजफ्फरनगर में आखिर क्यों हो रहा है।
एआईएमआईएम जिला अध्यक्ष गुफरान नूर का आरोप है कि 23 दिसंबर को इगलास विधानसभा क्षेत्र में रालोद और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की रैली का आयोजन किया था। गठबंधन की रैली के दौरान अलीगढ़ में 10 साल विधायक रह चुके पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान को जयंत चौधरी समेत कार्यकर्ता के द्वारा मंच से पूर्व सपा विधायक को बेइज्जती करते हुए धक्का दिया गया। धक्का देने की घटना ने मुस्लिम समुदाय को झकझोर कर रख दिया और उस दंगे की जयंत चौधरी ने याद दिला दी जो मुजफ्फरनगर में नरसंहार के दौरान दंगा हुआ ओर जिस तरह से जमीर उल्लाह को मंच से धक्के देकर हटाया। उससे मुस्लिम समुदाय की पूरी तरह से बेइज्जती हुई है। जबकि समाजवादी पार्टी के लोगों को इस बेज्जती के बावजूद भी पार्टी के अंदर बना रहना है।
चाहे उनको लात मारो घुसे मारो, लेकिन उन्हें तो समाजवादी पार्टी में ही रहना है। इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिस तरह से उनको धक्के देकर मंच से भगाया जा रहा है उससे मुस्लिम समुदाय की पूरी कौम की बेज्जती हो रही है। मुसलमानों का इज्जत गिरती जा रही है। लेकिन बेज्जती के बाद भी इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं है। इसके साथ ही गुफरान नूर ने कहा कि किसी को इतना मत सताओ और ना ही इतना डराओ कि उसका डर खत्म हो जाए और वह डर खत्म होने के बाद नंगा हो जाए।