अलीगढ़ (जनमत) :- अलीगढ़ जिले में इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बिना लाउडस्पीकर के मस्जिदों में जुम्मा अलविदा की नमाज अदा की गई हैं। ऊपरकोट कोतवाली क्षेत्र के जामा मस्जिद पर शुक्रवार को बिना लाउडस्पीकर के जूमात उल विदा और ईद उल फितर के मौके पर जुम्मे की नमाज अदा की गई। इस दौरान मस्जिदों में नमाज को लेकर पुलिस की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर आरपीएफ पुलिस बल सहित पुलिस की टुकड़ी लगाई गई। अलीगढ़ जिले में पहली बार मस्जिदों पर बजने वाले लाउडस्पीकर उतारे जाने के बाद बिना लाउडस्पीकर के ही जुम्मे की नमाज अदा की गई थी। जूमात उल विदा और ईद उल फितर के मौके नमाज अदा करने के बाद ऊपरकोट कोतवाली क्षेत्र जामा मस्जिद इलाका निवासी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि इंशाअल्लाह जैसा योगी जी चाहेंगे वैसा ही होगा? मस्जिदों में लाउडस्पीकर से नमाज अदा नहीं हुई इसका उन्हें जरा अफसोस नहीं हैं।
बल्कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की वजह से उनका भाई चारा खत्म हो रहा था। कहा कि अगर उनके लाउडस्पीकर पर नमाज पढ़ने से उनके किसी भाई को परेशानी होती है तो वह मस्जिदों पर लगे उन लाउडस्पीकर को सबसे पहले अपने उतार देंगे। अगर मस्जिदों के बाहर सड़कों पर पढ़ने वाली नमाज से किसी भी भाई को कोई दिक्कत होती है तो वह नमाज उनके किसी काम की नहीं हैं। बल्कि उनके लिए तो वह नमाज काम की हैं जो अपने सभी भाइयों को सकून व राहत महसूस दे, क्योंकि इस्लाम और दीन यही कहता है।इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी गुजारिश है कि जिस तरह से आज मस्जिदों में नमाज अदा कराई गई है। ठीक इसी तरह से आगे भी नमाज अदा होनी चाहिए।क्योंकि वह लोग भी मुख्यमंत्री योगी के साथ खड़े हैं। नमाजियों ने कहा इंशाल्लाह अब जैसा योगी जी चाहेंगे वैसा ही होगा?
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के ऊपर कोर्ट कोतवाली क्षेत्र के अति संवेदनशील इलाके के ऊपरकोट कोतवाली इलाका निवासी मोहम्मद अरबाज में बताया कि कोरोना काल के बाद पहली बार जुम्मे को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा एक साथ नमाज अदा फरमाई गई है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से आज मस्जिद में नमाज अदा हुई है इसीलिए सीएम गुजारिश है कि उसी तरह से आगे भी मस्जिदों में नमाज अदा होती रहे। कहा आज उनकी मस्जिदों में नमाज अदा करने के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जिसके लिए अलीगढ़ का जिला और पुलिस प्रशासन दोनों ही पुख्ता इंतजाम के लिए शुक्रगुजार हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर से जुम्मा की नमाज अदा नहीं फरमाई गई इसका उन्हें बिल्कुल भी अफसोस नहीं हैं। बल्कि उन्हें अफसोस है कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की वजह से उनका आपसी भाईचारा प्रेम खत्म हो रहा था। उन्होंने कहां की मस्जिदों पर लाउडस्पीकर रहे या ना रहे इससे उन्हें फर्क पड़ने वाला नहीं हैं। लेकिन भाईचारा रहना चाहिए। ऐसे में अगर मस्जिदों के सामने सड़क पर नमाज पढ़ने से उनके किसी भाई को तकलीफ होती है। तो सड़कों पर पढ़ने वाली वह नमाज उनके किसी काम की नहीं है।बल्कि उनके द्वारा पढ़ने वाली वह नमाज काम की है जो अपने सभी भाइयों को सकून और राहत महसूस दे, क्योंकि उनका इस्लाम और दीन यही कहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मस्जिदों पर लगने वाले लाउडस्पीकर उसे उनके किसी भाई को कोई भी परेशानी है। तो वह सबसे पहले हम मस्जिदों पर लगे उन लाउडस्पीकर को खुद उतार देंगे। इस बात से भी उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कि आज उनकी लाउडस्पीकर पर नमाज अदा नहीं की गई। इसके साथ ही कहा इंशाल्लाह जैसा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी चाहते हैं वैसा ही होगा।
शाहनवाज खान ने कहा कि सरकार के आदेश के बाद इतिहास में पहली बार अलीगढ़ की मस्जिदों में बिना लाउडस्पीकर के नमाज अदा की गई। ऐसे में नमाज अदा करने के दौरान उन्होंने दुआ मांगी कि हमारे शहर में अमन रहे। तो वही देश के अंदर भी अमन, शांति, भाईचारा बना रहना चाहिए ओर मुल्क की तरक्की होनी चाहिए। इससे फर्क नहीं पड़ता कि बिना लाउडस्पीकर के नमाज हो या लाउडस्पीकर बजाकर नमाज अदा हो। हमेशा अमन शांति बनी रहनी चाहिए।
REPORT- AJAY KUMAR…
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…