नई दिल्ली(जनमत):- यात्री और मालभाड़ा रेलगाडियों की गतिशीलता को बेहतर बनाने और अवसंरचनात्मक गतिरोधों को दूर करने के लिए मंडलों द्वारा निर्माण कार्यों की गति को बढ़ाने के लिए,रेलवे वर्तमान में चुनिंदा मंडलों पर गति शक्ति यूनिटों की स्थापना कर रही है । दिल्ली मंडल पर पृथक गति शक्ति यूनिट खुलने से प्रधानमंत्री के बहुद्देशीय सम्पर्क के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान को गति मिलेगी ।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, आशुतोष गंगल द्वारा नई दिल्ली में एक बैठक का आयोजन किया गया ।इस बैठक में गति शक्ति योजना से जुडे प्रमुख विभागाध्यक्ष और दिल्ली मंडल के मंडल रेल प्रबंधक उपस्थित थे । बैठक में संगठनात्मक ढॉंचे के साथ-साथ यूनिट के तकनीकी, प्रशासनिक और वित्तीय तौर तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गयी ।
रेलवे डिजाइन चैकिंग, सामग्री के परीक्षण, स्थल परीक्षणों और सर्वेक्षणों के आयोजन के लिए उद्योगों और स्थापित विशेषज्ञों से परामर्श करेगी । गति शक्ति यूनिट में इंजीनियरिंग, सिगनल एवं दूर संचार और वित्त विभागों से जुडे कर्मचारी कार्य करेंगे । यूनिट का नेतृत्व दिल्ली मंडल के मंडल रेल प्रबंधक द्वारा किया जायेगा । सभी संबंधित विभागों के एक साथ आने से आवश्यक बुनियादी व्यवस्थाओं की प्रक्रिया में तेजी आयेगी ।
उत्तर रेलवे पर सेक्शनों में यात्री रेलगाडियों की गति सीमा को बढायाजा रहा है । हाल ही में नई दिल्ली-लुधियाना और नई दिल्ली–पलवल रेल सेक्शनों में रेलगाडियों की गतिसीमा को 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाया गया है । 688 किलोमीटर में सेक्शनों की गतिसीमा को बढ़ाने और 433 किलोमीटर लूप में गतिसीमा को 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाने का लक्ष्य हासिल किया गया है । दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-हावडा राजधानी मार्गों पर सेक्शनों की गतिसीमा को 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक करने का कार्य चल रहा है ।अनेक रेल सेक्शनों में मालगाडियों की गतिसीमा को 25 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 45 किलोमीटर प्रति घंटा किया गया है । इससे परेषणों की तीव्र डिलिवरी सुनिश्चित होगी ।
उत्तर रेलवे पर रेल उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए ढॉंचागत उन्नयन पर बल दिया गया है । रेल यातायात की भीड़-भाड़ को कम करने के लिए 08 रेल सेक्शनों में दोहरीकरण परियोजनाएं पूरी की गयी हैं । इस प्रकार इस वर्ष कुल मिलाकर 136 किलोमीटर दोहरीकरण कार्य किया गया है । अनेक नई रेल लाइन परियोजनाएं चल रही हैं जिससे दूर-दराज तक रेल सम्पर्कउपलब्ध होगा । रेल/सड़क यातायातकी सुविधा के लिए रेलवे फाटकोंके स्थान पर रोड-ओवर/रोड-अंडर ब्रिज बनाए जा रहे हैं ।
उत्तर रेलवे के 7062 रूट किलोमीटर में से 82% विद्युतीकृत है । इस वर्ष और 571 किलोमीटर विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है । पिछले वित्तीय वर्ष में 33 जोड़ी रेलगाडियों को डीजल से विद्युत कर्षण में बदला गया है । इससेरेलगाडियों की गतिशीलता में उल्लेखनीय सुधार होगा । जोन पर यार्डों को बेहतर बनाया जा रहा है और बेहतर अनुरक्षण और रेलगाडि़यों के परिचालन के लिए उन्हें नया रूप दिया जा रहा है। उक्त जानकारी मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी उत्तर रेलवे के द्वारा प्राप्त हुई|