अलीगढ़ (जनमत ) :- कानपुर में जुमे की नमाज़ के बाद हुई हिंसा को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने थाना गांधी पार्क इलाके के बिदास कंपाउंड मैं अपने कार्यालय पर खून से देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। जिसमें जुमे की नमाज़ को बंद करने व प्रतिबंध लगाने की मांग की है। विवादित शब्द का अप्रयोग करते हुए हिन्दू महासभा ने कार्यालय पर जुमे की नमाज़ को आतंकियों की नमाज़ जैसे शब्दों के पैम्फलेट लगाकर विरोध किया है।इसके साथ ही पत्र में सालों पहले 1946 से लेकर 1989 तक की घटनाओं में जुमे की नमाज़ के बाद कि तकरीरों को ज़िम्मेदार बताया है|
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर में दरअसल पिछले दिनों जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा को लेकर आज हिंदू महासभा के कार्यकर्ता व राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे और राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडे ने एक पत्र राष्ट्रपति के नाम खून से लिखा है, पत्र में पूजा शकुन पांडे ने जुमे की नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, विवादित शब्दों का प्रयोग करते हुए पूजा शकुन पांडे ने जुमे की नमाज को आतंकियों की नमाज बताया है |इस दौरान हिंदू महासभा ने अपने कार्यालय में विवादित पोस्टर भी लगाए है|
देश में पुराने वक्त में हुई घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा, जुमे की नमाज के बाद होने वाली तकरीर को जिम्मेदार ठहरा है, इस पत्र के माध्यम से उन्होंने उचित कार्यवाही की मांग की है, आगे पूजा शकुन पांडे ने कहा है, जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हुई घटना ने हमारी सहनशक्ति को तोड़ दिया है, चाहे आजादी से पहले की बात हो या फिर आजादी के बाद, हमने कुछ घटनाक्रम अपने पत्र में चयनित किए हैं, इतिहास इस बात का गवाह है, जुम्मे की नमाज ना होकर यह आतंकी दिवस बन गया है|
जुम्मे की नमाज में इबादत के नाम पर यह लाखों की तादात में लोग इकट्ठा होते हैं, हिंदुओं पर कैसे जुल्म किया जाए, कैसे लूटपाट की जाए, कैसे उपद्रव मचाया जाए, यह सारी तकदीर होती है, जितना यह देश में हिंदुओं का नुकसान कर रहे हैं, इन सब को ध्यान में रखते हुए तत्काल जुमे की नमाज पर रोक लगनी चाहिए, इस दौरान राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है, हिंदू महासभा ने इस दौरान विवादित टेंप्लेट भी अपने कार्यालय में लगाए हैं।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती (डॉ पूजा शकुन पाण्डेय )ने अपने खून से राष्ट्रपति के नाम लिखित ज्ञापन में मांग की है कि भारत में जुम्मे के दिन नमाज इबादत के नाम पर जो भीड़ होती है. उस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जुम्मा इस देश में आतंक का पर्यायवाची बन गया है। आए दिन देखने को मिलता है कि जुमे की नमाज को लेकर हुआ तनाव। भारत के इतिहास में अब तक हिंदुओं के जितने भी कत्लेआम हुए हैं लगभग सभी जुमे की नमाज के बाद हुए।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा 16 अगस्त 1946 को मुस्लिम लीग के नेता सोहरवर्गी ने जुमे की नमाज के बाद हिंदुओं के कत्लेआम की घोषणा की।भारत में डायरेक्ट एक्शन के नाम पर 11 अक्टूबर सन 1946 को जुमे की नमाज के बाद नोआखाली में 50,000 से ज्यादा हिंदुओं का कत्लेआम हुआ। 25 अक्टूबर सन 1946 जुमे की नमाज के बाद बिहार के मुंगेर सहित दर्जनों इलाकों में 10,000 से ज्यादा हिंदू मारे गए 25 अक्टूबर 89 को जुमे की नमाज के बाद आजाद भारत का सबसे बड़ा कत्लेआम हुआ।
भागलपुर बिहार में 10,000 से ज्यादा हिंदू मारे गए। 19 जनवरी सन 1990 जुम्मे की नमाज के बाद कश्मीर में हिंदुओं का कत्लेआम चालू हुआ पांच लाख से अधिक हिंदुओं का पलायन हुआ। 2 मई सन 2003 केरल के काशीपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंदुओं पर हमला किया गया। सैकड़ों दुकानें जलाई गई। दर्जनों हिंदुओं की हत्या हुई।
7 सितंबर 2012 जुमे की नमाज के बाद मुंबई के आजाद मैदान मैं उपद्रव हुआ कई पुलिसवाले घायल हुए कई हिंदुओं की दुकानें मकान गाड़ियां फूंक दी गई।हजारों उदाहरण है 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे में भी 7 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हिंदुओं का कत्लेआम की घोषणा हुई और महापंचायत से लौट रहे हिंदुओं का बेरहमी से कत्ल हुआ सैकड़ों की संख्या में लोग मारे गए।
11 अप्रैल 2017 को अलीगढ़ में जुमे की नमाज के बाद उपद्रव हुआ सीईओ विशाल पाण्डेय सहित कई पुलिसवाले घायल हुए और अभी हाल ही में जुमे की नमाज के बाद 3 जून को कानपुर में उपद्रव हुआ हिंदुओं दुकान मकान लूटे गए कई लोग घायल हुए ऐसी हजारों दंगे हैं भारत में जो जुमे की नमाज के बाद हुए हैं और हिंदुओं का कत्लेआम हुआ।
जनहित में अखिल भारत हिंदू महासभा ने महामहिम राष्ट्रपति से मांग की है कि जुमे की नमाज के नाम पर हो रही उपद्रवियों की भीड़ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। मस्जिद में जुम्मे के दिन छोटी मस्जिदों में 10 और बड़ी मस्जिद में 25 से 50 लोगों से अधिक होने की अनुमति न दी जाए। जुमे की नमाज कानून व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी कर रही है। इबादत से किसी को आपत्ति नहीं है परंतु वह कौन सी आदत है जिसको करने के बाद भीड़ हाथों में हथियार लेकर नंगा नाच करती है, बलात्कार करती है, लूटमार करती है ,हत्या करती है|
ऐसी इबादत पर प्रतिबंध लगना चाहिए साथ ही मांग की है कि जिन मस्जिद से निकलकर लोगों ने उत्पात किया है उन मस्जिदों को बुलडोजर लगाकर के साफ कर देना चाहिए। जिन मौलानाओं की तकरीर के बाद दंगा होता है ऐसे मौलानाओं जेल में डाल देना चाहिए इन सभी मांगों को लेकर ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के लिए भेजा गया। जिसे एसीएम प्रथम ने प्राप्त किया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज अगर प्रदेश सुरक्षित है तो योगी के हाथों में सुरक्षित है वरना कानपुर के दंगे में हजारों लोगों की जानें चली जाती अगर योगी के बुलडोजर का खौफ ना होता। प्रदेश उपाध्यक्ष गजेंद्र पाल सिंह वर्मा ने कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी करने वाले लोगों पर सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
REPORTED BY – AJAY KUMAR
PUBLISHED BY – VISHAL MISHRA