रामपुर (जनमत ) :- सपा नेता आजम खान ने अपनी स्पीच के दौरान कहा मैंने जब एक दिन यह कहा था कि रामपुर वालों से में एक दिन तुम्हारे रामपुर शहर को दुनिया के नक्शे पर ला दूंगा तो लोग मेरा मजाक उड़ाया करते थे आजम खान ने कहा मैं जानता था कि लोग मुझ पर हंसते हैं वो कहते हैं कि दीवाना पागल हो गया है आज़म खान ने कहा हम रामपुर को दुनिया के नक्शे पर ले आए हैं बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि रामपुर के साथ बहुत जुल्म हुआ है |
आजम खान ने कहा मै थोड़ी सी देर के लिए विधानसभा गया था शपथ लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी के वजीर और एमएलए के सर नहीं उठ रहे थे उन्हें मालूम था कि वह मुझसे आंख नहीं मिला सकेंगे बस एक ही ज़ुल्म बाकी रह गया था बची हुई जान भी निकाल ले।
आजम खान ने कहा यही गुरूर है हमारा कि हम में ना कोई बड़ा है ना कोई छोटा है ना कोई हिंदू है ना मुसलमान,सिख,ईसाई आज़म खान ने कहा जिन्होंने हमें पहचानने में गलती की है यह उनकी गलती है हमारी गलती नहीं है आजम खान ने कहा हम उनसे भी चाहते हैं कि वह ऐसे शख्स का साथ दें जो मासूम है जिसके दामन पर एक भी दाग नहीं है |
आजम खान ने कहा हमारा दामन तो लोगों ने इतना दागदार कर दिया के हमैं अपने दामन पर अफसोस होता है जिसका जो दिल चाहता है हम पर इल्जाम लगा देता है,, हम बकरी चोर है, हम मुर्गी चोर है, हम भैंस चोर है, हम भैंस चोर नहीं है बल्कि डकैत हैं आजम खान ने कहा हम पर चोरी की दफा नहीं है हम पर डकैती की दफा है हमने और हमारी बीवी ने हमारे बच्चे ने शराब की दुकान लूटी है।
आजम खान ने कहा आसिम राजा से जो रिश्ता है वह बहुत तकलीफ का रिश्ता है आसिम राजा ने कोई राहत नहीं चाहिए हमसे किसी भी सरकार में किसी अधिकारी के ट्रांसफर के लिए नहीं आए हमारे पास आसिम राजा न सिर्फ अपने लिए बल्कि किसी और के लिए भी काम के लिए नहीं आए वैसे किसी को किसी के लिए सिफारिश की जरूरत ही नहीं जो सही था वह होना था जो गलत था वह नहीं होता था थानों में दलाली नहीं होती थी तहसील में पैसा नहीं दिया जाता था और यहां के अफसरान जब अपने साथियों से पूछते थे कहां हो तो कहते थे रामपुर में है भाई इबादत में है।
आजम खान ने पहली बार भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी का जिक्र किया वैसे तो कभी घनश्याम सिंह लोधी आजम खान के बेहद करीबी हुआ करते थे आजम खान ने कहा हमारे सामने बहुत बड़ा मकसद है और हमारे मुकाबले वह शख्स हैं जिसको टिकट हेलीकॉप्टर से पहुंचाया था एक मिठाई का दाना भी जीतने पर नहीं खाया मैं कभी भी किसी का काम हो जाए तो उससे मिठाई नहीं लेता हूं मैं कहता हूं भाई इस काम का ठीक से हिसाब करो भाई नहीं तो एक मिठाई के डिब्बे में यह काम नहीं होता है देना है तो पूरी उजरत दो।
Reported By- Abhishek Sharma
Published By- Vishal Mishra