भदोही (जनमत ) :- एक महीने पहले बलभद्रपुर से बरामद की गई ‘गुलाबी’ नाम की हथिनी का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सुनवाई की अगली तिथि 13 जुलाई तय की गई है। उधर, वन विभाग ने हथिनी को पशु एंबुलेंस से शुक्रवार को मथुरा स्थित एक एनजीओ के संरक्षण गृह के लिए रवाना कर दिया। हालांकि हथिनी को ले जाते समय वन विभाग की टीम को ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।
बिना लाइसेंस के हाथी रखने की शिकायत पर वन विभाग की टीम ने बीते 24 मई को बलभद्रपुर निवासी एक व्यक्ति के यहां से हथिनी को बरामद किया था। टीम हथिनी को लाकर ज्ञानपुर वन रेंज कार्यालय में एक पीपल के पेड़ के नीचे बांध दिया। इस मामले में एक व्यक्ति का चालान भी किया गया था, हालांकि वह व्यक्ति जमानत पर छूट गया। उधर, उसी गांव के दूसरे व्यक्ति ने अपना हाथी होने का दावा कर दिया। ऐसे में मामला न्यायालय में पहुंच गया। सुनवाई के दौरान सीजेएम कोर्ट से हथिनी को मथुरा संरक्षण गृह भेजने का आदेश हुआ था।
बाद में उस अधिवक्ता के माध्यम जिला जज के यहां निगरानी याचिका दाखिल की गई। अधिवक्ता एवं डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एसडी पांडेय ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान कहा गया कि अगली सुनवाई तक हाथी को जहां है, वहीं रखकर चारा-पानी का इंतजाम किया जाय। वन विभाग को ही चारा-पानी के लिए कहा गया। इस बीच शुक्रवार को हथिनी के मामले में पुन: सुनवाई थी, लेकिन अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार के कारण सुनवाई नहीं हुई और अगली तिथि 13 जुलाई तय की गई। उधर, वन विभाग ने पहले से ही पशु एंबुलेंस मंगाकर रखा था। विभाग ने हथिनी को उस पर लदवाकर मथुरा भेजवा दिया। जिस समय हथिनी को एंबुलेंस में चढ़ाया जा रहा था, उस दौरान विरोध हुआ तो एक बार हथिनी को उतारा गया, लेकिन बाद में उसे चढ़ाकर भेज दिया गया।
प्रभागीय वनाधिकारी नीरज आर्य ने बताया कि हथिनी को मथुरा भेज दिया गया है। आगे न्यायालय का जैसा आदेश होगा, उसी के अनुसार काम किया जाएगा। उधर, जिस समय हथिनी को पशु एंबुलेंस में चढ़ाया जा रहा था उस दौरान विरोध करने वाले कई सवाल उठा रहे थे। अधिवक्ता एसडी पांडेय ने कहा कि किस आधार पर हथिनी को यहां से ले जाया गया, यह किसी को पता नहीं, जबकि इस मामले की सुनवाई अभी चल रही है। सुनवाई के लिए 13 जुलाई अगली तिथि है। उधर, अन्य लोगों ने भी सवाल उठाया कि जब पिछले आदेश को आधार मानकर ले जाया गया तो फिर इतने दिन तक उसे क्यों रोके रखा गया। जब इतने दिन हाथी को रोका गया तो अगली सुनवाई का इंतजार क्यों नहीं किया गया।
उधर,हाथियों की रक्षा, सुरक्षा पर काम करने वाली संगीता डोंगरा ने समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर ‘गुलाबी’ हथिनी के मामले की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि हथिनी को अवैध तरीके से एनजीओ वाइल्ड लाइफ एसओएस ले जाया गया। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। शिकायत में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी जिक्र किया है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि बिना अनुमति के किसी भी हाथी को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। आरोप लगाया है कि अवैध तरीके से हाथी पर कब्जा करने के लिए डीएफओ व एनजीओ ने पुलिस के साथ धोखाधड़ी की है।
Reported By – Anad Tiwari
Published By – Vishal Mishra