उत्तर प्रदेश के अंदर एक बड़ी अजीब सी स्थिति थी पहचान का संकट था

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लखनऊ (जनमत ) :-  हम सभी जानते हैं कि 2017 के पहले परिवारवाद जातिवाद दंगों और अराजकता के लिए जाना जाता था उत्तर प्रदेश के अंदर एक बड़ी अजीब सी स्थिति थी पहचान का संकट था उत्तर प्रदेश के सामने 2017 के पहले 2014 के पहले फनी केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं को रोककर राज्य सरकार की इच्छाशक्ति उन्हें लागू करने की नहीं रखती थी लेकिन पिछले 5 वर्ष के अंदर प्रदेश के अंदर कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति को जो हम लोगों ने विगत 5 वर्षों में प्रदेश के अंदर कानून का राज स्थापित हो इस दिशा में जो प्रयास किए हैं|

देश के अंदर उसका एक विश्वास के रूप में बदला हुआ आम जनमानस में एक विश्वास पैदा हुआ प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदली उसका परिणाम था कि यहां पर निवेश के अनेक संभावनाओं ने आगे बढ़कर के प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयों देना प्रारंभ कर दिया निवेश की संभावनाओं ने रोजगार के नई संभावनाएं पैदा की अपराध और अपराधियों के लिए जूती प्रभावी ढंग से प्रदेश के अंदर लागू हुई दिनों के अंदर प्रदेश के अंदर हमारी सरकार ने ₹844 की माफिया और अपराधियों की संपत्ति जप्त की गई अपनी उस प्रतिबद्धता को हम सबके सामने प्रस्तुत किया है अब तक ₹917 की संपत्ति माफियाओं से जप्त की यही यही नहीं पहली बार पुलिस के संरक्षण में अवैध स्टैंड टैक्सी स्टैंड आदि हटाए गए |

जिसमें 68700 से अधिक अतिक्रमण स्थल थे जो सड़कों पर थे उन्हें हटाया गया 76000 से अवैध पार्किंग स्थल भी मुक्त किए गए धर्म स्थलों से भी माइक हटाया गया अनावश्यक शोरगुल से लोगों को मुक्ति मिले 74020 से अधिक माइक हटाए गए या फिर उनकी वॉल्यूम को कम किया गया अलविदा की नमाज ईद के कार्यक्रम रामनवमी के कार्यक्रम किसी सड़क पर नहीं होगा प्रदर्शन का माध्यम नहीं बने बड़ी शांतिपूर्ण तरीके से सभी कार्यक्रम संपन्न हुए अलविदा की नमाज मस्जिदों में हुई पोक्सो एक्ट के अंतर्गत भी प्रभावी कार्यवाही करते हुए महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपराधों को अपराध करने वाले अपराधियों को भी न केवल सजा दिलाई गई बल्कि उनकी प्रभावी पैरवी करते हुए कटघरे में खड़ा किया गया |

Posted By – Vishal Mishra