लखनऊ (जनमत) :- यूपी की राजनीती में जहाँ नित नए प्रयोग देखने को मिले रहें वहीँ इसी दिशा में राष्ट्रपति चुनाव में मनो विपक्ष बिखरा हुआ सा नज़र आने लगा है जिसकी बुनियाद चुनाव के बाद ही दरकती हुई नज़र आ रही थी. इसी कड़ी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि राजनैतिक परिपक्वता की कमी की वजह से समाजवादी पार्टी कमजोर हो रही है और तमाम वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। पार्टी कार्यालय पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम समाजवादी पार्टी के विधायक हैं तो विधायक दल की बैठक में मुझे भी बुलाया जाना चाहिए और राय जाननी चाहिए थी लेकिन पार्टी के अध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में हमें जहां बुलाया गया वहां गए।उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए प्रत्याशी ने उनसे वोट मांगा है जबकि विपक्ष के प्रत्याशी ने वोट तक नहीं मांगा।
शिवपाल ने कहा कि इससे पहले भी राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे तो न तो हमें समाजवादी पार्टी ने बुलाया और न ही वोट मांगा। उस समय रामनाथ कोविंद जी ने वोट मांगा तो हमने दिया, कल मुझे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलाया तो मैं वहां गया द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात हुई.उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि कोई भी पार्टी कमरे में बैठकर नहीं चलाई जा सकती। पार्टी चलाने के लिए संघर्ष और कार्यकर्ताओं के विश्वास की जरूरत होती है। जब तक कार्यकर्ताओं में यह भरोसा नहीं होगा कि उसका नेता कमांडर की तरह उसके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहेगा और हर मुसीबत को झेलने के लिए तैयार है तब तक कार्यकर्ता सिर्फ बयानबाजी कर सकते हैं संघर्ष नहीं कर सकते। इस बयानों से इतना जरूर साफ हो जाता है की आने वाले दिनों में विपक्ष को नयी रणनीति के साथ राजनीती के अक्खाड़े में उतरना होगा जिसके बाद ही कुछ नया होने की उम्मीद लगाई जा सकती है. .
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…