सीतापुर (जनमत):- सीतापुर में छुट्टा घूमने वाले मवेशियों को पनाह देने के लिए सरकार की पहल पर ग्राम पंचायत स्तर पर गोशालाएं तो बनवा दी गईं, मगर व्यवस्था बदहाल होने से ये गोशालाएं मवेशियों की पनाहगाह की जगह कब्रगाह बन गई है। भूख से आए दिन गायें मर रही हैं। अब बिसवां ब्लॉक की तेन्दुआ ग्राम पंचायत की चंपापुर गांव स्थित गोशाला में भूख से दो गायों की मौत हो गई। मृत गायों को खुले में डाल दिया गया, जिनका मांस कुत्ते नोचकर खा रहे हैं। लेकिन ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी उनको वहां से हटाना भी उचित नहीं समझा
बिसवां से करीब आठ किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत तेंदुआ के चंपापुर गांव में अस्थाई गोशाला है। यह गोशाला करीब एक साल से संचालित है इसमें पिछले दिनों में भी कई गायों की मौत हो चुकी है। इनमें दो तीन दिन पहले दो गायों की मौत हुई थी, जो गौशाला परिसर में आज भी पड़ी है और उनका मांस कुत्ते नोच नोच रहे थे। और मृत गायों के पड़े होने से चारो तरफ दुर्गंध फैल रही है। लेकिन ग्राम प्रधान व ग्राम विकास द्वारा मृत गायों को वहां से उठाना उचित नहीं समझा गया
गौशाला में गायों को खाने के लिए भूसा भी उपलब्ध नहीं है तो सूखा भूसा तक नहीं दिया जाता है। गौशाला परिसर में टहल कर अपनी भूख मिटाती हैं । गोशाला परिसर में एक सरकारी नल लगा है, जिसमें समर तो लगा है लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं है नल से पानी नल की फर्श पर भर दिया जाता है। ना पीने को भरपेट पानी और ना खाने को सूखा भूसा मिलता है जिससे बीमार हो जाती है और मर जाती हैं ।
योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी और उच्च अधिकारी गौशाला में गायों के साथ हो रहे अत्याचार को मूक दर्शक बनकर देख रहे हैं। अब देखना यह होगा की उच्च अधिकारियों द्वारा गौशाला में लापरवाही कर रहे ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाती है या मामले को यूंही रफा-दफा करके ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा।