मथुरा (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा के वृंदावन के वात्सल्य ग्राम बने शहीद संग्रहालय में आजादी के महानायकों की वीरगाथा के किस्से आज भी आपको देखने और सुनने को मिल रहे है | यह देश का पहला ऐसा संग्रहालय है जो आजादी के मतवालों की यादों को सजोए हुए है | संग्रहालय में लगी तस्वीर किसी आम कलर से नहीं बनी हैं, बल्कि महापुरुषों की तस्वीरों को जीवंत रूप देने के लिए इंसानी खून से सजाया और संवारा गया है |
दरअसल दिल्ली के रहने वाले स्वर्गीय रवि चंद गुप्ता, सुभाष चंद्र बोस के अनुयाई थे | आजादी के लिए बोस जी का नारा “तुम मुझे खून दो – मैं तुम्हें आजादी दूंगा” नारे से प्रभावित हुए थे जिसके बाद उन्होंने अपने खून से चित्र बनवाने का संकल्प ले लिया उनका कहना था महापुरुषों की कुर्बानी के बाद हमें आजादी तो मिल गई, लेकिन हमने शहीदों को क्या दिया | बस इसी सोच को लेकर उन्होंने अपने खून से शहीद संग्रहालय में आजादी के 80 महानायकों की तस्वीरों को गुरुदर्शन सिंह विंकल चित्रकार द्वारा बनवा दिया था |
यह सभी पेंटिंग्स 1760 से 1947 तक के क्रांतिकारियों की हैं | स्वर्गीय रवि चंद गुप्ता के कदमों पर अब उनकी बेटी सारिका भी चल रही है | सारिका ने बताया कि जब मैं संग्रहालय पहुँचीं तो मैंने देखा पिताजी के द्वारा तैयार कराई गई पेंटिंग का कलर फीका हो रहा है और मैंने सोच लिया कि अपना खून देकर इन पेंटिंग्स को जीवंत रख सकती हूं. यह मेरा सौभाग्य है कि मैं एक ऐसे पिता की बेटी हूं, जिन्होंने देश के महानायकों की पेंटिंग्स अपने खून से बनवाई थी | सारिका का कहना है मुझे गर्व है कि मेरे पिता का नाम मुझे मिला हुआ है | इन पेंटिंग्स को फिर से जीवंत करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है |
Reported By – Sayyed Jahid
Posted By – Vishal Mishra