गोरखपुर (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के ज़िला गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि बच्चा चोरी के मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है | इनमें में पांच पुरुष के अलावा दो महिलाएं भी शामिल हैं | 6 अन्य आरोपियों की तलाश पुलिस कर रही है | गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गोरखपुर के चिलुआताल थानाक्षेत्र के झुंगिया बाजार नैतन के रहने वाले अनिल पासवान, गोरखपुर के गोरखनाथ थानाक्षेत्र के राजेन्द्र नगर पश्चिमी के जितेन्द्र भारती, गोरखपुर के कैण्ट थानाक्षेत्र के एम्स के पीछे किराए के मकान और मूल निवासी गोरखपुर के बांसगाँव थानाक्षेत्र के भैसवा बाजार की रहने वाली अनुराधा मिश्रा उर्फ गोल्डी, मऊ जिले के मुहम्मदाबाद के रहने वाले शेखर तिवारी, कुशीनगर के हाटा थानाक्षेत्र के मठिया के रहने वाले अंकित मिश्रा, गोरखपुर के गगहाँ थानाक्षेत्र के सिहाइचपार के रहने वाले इलियाज खां और संतकबीरनगर के महुली थानाक्षेत्र के चंदापार की रहने वाली पुष्पा मिश्रा के रूप में हुई है | आरोपियों के पास से चोरी किया गया नवजात, 45 हजार रुपए नकद और एक स्कार्पियो बरामद हुई है |
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने घटना के बारे में सिलसिलेवार जानकारी देते हुए बताया कि तिवारीपुर थाने को 26 सितंबर की शाम को बच्चा चोरी की सूचना मिली थी | इसमें एक कार को क्षतिग्रस्त किया गया था | तिवारीपुर थाना पुलिस मौके पर पहुँची | जिन लोगों को जनता ने पीटा था, उन्हें भी अस्पताल ले जाया गया | इसके बाद सघन पूछताछ में पता चला कि ये लोग मऊ के अनाथआलय से एक बच्चे को देखने के लिए आए थे | उसके लिए बच्चे का 45 हजार रुपए में सौदा हुआ था | इसके बाद पुलिस धरपकड़ में लगी थी कि बच्चा कहाँ है | कडि़यों को जोड़ने पर पता चला कि जितेन्द्र भारती नाम का युवक है जो अनुराधा मिश्रा उर्फ गोल्डी नाम की महिला के संपर्क में रहा है |
एसपी सिटी ने बताया कि इस महिला के मोबाइल से 20 से 25 बच्चों का फोटो मिला है | अभी ये नहीं पता चला है कि ये महिला पूर्व में भी बच्चों को बेचने का काम करती थी | लेकिन गोद लेने का कार्य किया जाना प्रकाश में आया है | ये अनीश, इलियास और अंकित के द्वारा मऊ जिले के मोहम्मदाबाद में चलाए जा रहे अनाथआलय द्वारा बच्चों को गोद देने की बात प्रकाश में आई है | इनके द्वारा 25 वर्षीय महिला सईदा खातून जो पति से अलग रह रही हैं |
उनका 10 माह के बच्चे अंश के बहाने ठगी की योजना बनाई गई | पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों को मऊ से डोमिनगढ़ पुल के पास बुलाया गया. बच्चे को गाड़ी में रखा गया. 45 हजार रुपए का आदान-प्रदान किया गया | इसके बाद अंकू नाम के युवक द्वारा बच्चा चोर-बच्चा चोर का शोर मचाया गया | इसके बाद लोकल जनता ने गाड़ी पर अटैक किया | इसके बाद बच्चे को लेकर वो लोग फरार हो गए | ये भी जाँच का विषय है कि समय – समय पर बच्चे का अडाप्शन हुआ है कि नहीं हुआ है ? किसके फोटोज हैं ? फोटो मिलना किसी भी घटना को अंकित नहीं करता है ? लेकिन ये पूछताछ और विवेचना का विषय है कि मोबाइल में मिली ये फोटोग्राफ किन बच्चों की हैं और कहाँ से आई हैं ?