लखनऊ (जनमत) :- यूपी की राजधानी लखनऊ में जहाँ नगर निगम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर दिन रात कार्यवाही किये जाने का दावा किया जाता है. इसी कड़ी में जहाँ एक तरफ गरीब खोमचे वालो को आये दिन दो जून की रोटी के लिए जहाँ हर दिन रोटी की लड़ाई लडनी पड़ती है और उनके ऊपर नगर निगम की कार्यवाही की तलवार लटकती हुई नज़र आती हैं वहीँ दूसरी तरफ निगम को वी.आई.पी अतिक्रमण नज़र नहीं आते हैं और कार्यवाही के नाम पर मानो नगर निगम अपनी आँखें बंद कर लेता है.
आपको बता दे कि गोमतीनगर में विभवखण्ड 1 में संजय बरनवाल का निवास है, जो कि वर्तमान में डिप्युटी डायरेक्टर के पद पर पंचायती राज में कानपुर में तैनात है. पंचायती राज के अधिकारी ने लखनऊ के पॉश इलाके गोमती नगर में अपने घर के बाहर 5 फुट की नर्सरी बना दी है और मानो इस अतिक्रमण को अपने वी0 आई0 पी0 अधिकार के रूप में इस्तेमाल कर रहें हैं. वहीँ हैरान करने वाली बात ये है कि नगर निगम इसपर कार्यवाही तो करना दूर बल्कि इन साहब की नर्सरी की तरफ आँख उठाकर देखना भी गंवारा नहीं समझता है और एक तरह से अपनी मूक सहमती मनो प्रदान कर दिया है.
दूसरी तरफ रोड में अतिक्रमण की वजह से आये दिन राहगीरों को जाम की समस्या से दो चार होना पड़ता है और हद तो ये रही कि इसके बाद भी साहब की दरियादिली देखिये की इन्होने इस हरि भरी नर्सरी के आगे अपने वाहन की पार्किंग भी लगा दी है. जिसकी वजह से रोड ने मनो आने जाने वाले लोगो के लिए अपना द्वार ही बंद कर दिया हो और इस पर रही सही कसर ये है कि नगर निगम कार्यवाही की नाम पर हर दिन नयी नयी मिसाल बना रहा हो लेकिन हुजूर (नगर निगम) एक तरफ तो इस तरफ भी अपनी नज़र-ए-इनायत कर दे तो लोगो को कुछ राहत की सांस जरूर मिल सकती है और जाम से रोज दो चार होने वाले लोग जरूर नगर निगम की कार्यवाई के गवाह बनने के लिए आतुर नज़र आ रहें है.
SPECIAL REPORT- ABHILASH BHATT..