देहरादून (जनमत) :- उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में देहरादून स्थित सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुईं । वही उत्तराखण्ड सरकार की इस कैबिनेट बैठक में 26 प्रस्ताव सामने आए, जिसमें एक मामले को छोड़कर सभी 25 प्रस्ताव कैबिनेट ने अपनी मोहर लागाई है। वही जिसमें सबसे चर्चीत मामला धर्मातरण को लेकर रहां। इस दौरान इस बैठक में अब से उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून गैर जमानती हो गया है । वही जिसमें 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। इसी के साथ सामूहिक धर्मांतरण के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार काफी सख्त हो गई है।
सूत्रों ने यहां बताया कि धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत 2018 में प्रदेश में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनाया गया था लेकिन वर्तमान में परिवर्तित परिस्थितियों के मद्देनजर इसे और अधिक सशक्त बनाये जाने के लिए उत्तर प्रदेश की तरह इसमें संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है। सूत्रों ने कहा कि 2018 अधिनियम में जबरन धर्मांतरण का दोषी पाए जाने पर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। सूत्रों ने बताया कि इस संशोधन को जल्द ही राज्य विधानसभा में लाया जाएगा।
वही इस मौके पर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धामी 2.0सरकार ने कैबिनेट की बैठक में उत्तराखण्ड हाई कोर्ट नैनीताल को शिफ्ट करने को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। वही इस मंत्रिमंडल की बैठक में नैनीताल हाई कोर्ट को हल्द्वानी में शिफ्ट करने की मंजूरी मिल गई है। बात दे कि पीछले कई सालो से हाई कोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने की मांग काफी लंबे समय से चल रही थी। साथ इस बैठक में बताया गया है अब हल्द्वानी में हाईकोर्ट को शिफ्ट की जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि इसके अलावा धामी कैबिनेट में 25 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है। वही जिसमें बैठक में श्रीनगर नगर निगम और नगर पालिका विवाद को लेकर सब कमेटी का गठन किया गया। साथ ही उततराखण्ड सरकार के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
बता दे कि धामी 2.0सरकार की कैबिनेट में इन अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी है।
उत्तराखंड में धर्मांतरण का कानून सख्त हुआ. साथ ही 10 साल की सजा का भी प्रावधान होगा।
नैनीताल हाई कोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने पर मंजूरी।
पशुपालकों को महंगे भूसे से राहत, सरकार ने सब्सिडी बढ़ाई। भूसे और साइलेज पर सब्सिडी बढ़ी।
कौशल विकास केंद्र संचालको को भुगतान के बदले नियम।
अब तीन नहीं चार किश्तों में मिलेगा संचालकों को प्रशिक्षण का भुगतान।
सहकारिता की तर्ज पर दुग्ध विकास विभाग भी देगा 75 फीसदी सब्सिडी. हालांकि, अभी तक 50 फीसदी सब्सिडी थी.
दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े 52 हजार पशुपालकों को सीधे-सीधे लाभ मिलेगा।