हरदोई (जनमत):- हरदोई में इन दिनों पराली को लेकर प्रसासन से लेकर शासन द्वरा लगातार कड़े निर्देश जारी किये जा रहे है ताकि किसान पराली को न जलाये। पराली प्रबंधन के लिए जिला प्रसासन ने इन दिनों एक मुहिम चला रखी है “पराली दो और खाद लो” इस कार्यक्रम से जहां आग लगने के मामलों में कमी आ रही है वही किसानों में भी जागरूकता देखने को मिल रही है वो अपनी ट्रेक्टर ट्राली में पराली लाद कर गौशाला पहुच रहे है और वहां से गोबर की खाद को लेकर आ रहे है,इस कार्यक्रम के जरिये जहां एक तरफ आग लगाने की घटनाओं में कमी आ रही है वही गौशालाओ में चारे की भी व्यवस्था हो रही है।
तस्वीरे ब्लाक बावन की गौशाला की है जहां किसान अपने ट्रेक्टरों से पराली लेकर पहुचे है और यहां पराली देकर गोबर की खाद लेकर जा रहे है।किसानों का कहना है कि इस तरह वो पराली का सही उपयोग कर पा रहे है।किसान गुरुलाल सिंह कहते है कि जिला प्रसासन के प्रयास से कृषि विभाग द्वारा चलाये जा रहे इस कार्यक्रम के जरिये आग कम लग रही है और प्रदूषण में भी फर्क पड़ रहा है।हम लोग पराली गौशाला तक ला रहे है और खाद लेकर जा रहे है ,इससे काफी आग लगने की घटना में काफी फर्क पड़ा है ये एक अच्छी पहल है।
पराली दो खाद लो पर जानकारी देते हुए डीडी कृषि नंद किशोर ने बताया कि करीब एक महीने से हम किसानों के बीच जाकर उनको प्रेरित कर रहे है कि जमीन की सुरक्षा के दृष्टिकोण को देखते हुए पराली गौशाला तक पहुंचाएं और खाद लेकर जाएं। इससे किसान भाइयों को ना तो आग लगानी पड़ेगी और धरती माता का भी गोबर की खाद से पोषण होगा।उन्होंने बताया कि किसान भाई दो ट्राली पराली देकर, एक ट्राली गोबर की खाद लेकर जा रहे हैं, पिछले साल की अपेक्षा इस साल आग लगने की घटनाओं में कमी आई है 6000 मेट्रिक टन पराली अब तक गौशाला तक पहुंच चुकी है।और पिछले साल की अपेछा इस साल आग की घटनाओं में काफी कमी भी दर्ज की गई है।
पराली प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन इस महिम पर जानकारी देते हुए जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया की पराली प्रबंधन को लेकर शासन ने स्पष्ट दिशा निर्देश जारी की है इसी क्रम में जिला प्रशासन व कृषि विभाग द्वारा किसानों की गोष्ठियों कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है अभी तक हमारे जनपद में कुछ घटनाएं घटित हुई है पर गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष काफी कम रही हैं। प्राणी की घटनाएं ना हो सके सांझा ग्रुप में हैं इसको लेकर जनपद में पराली तो आज लो का कार्यक्रम चलाया जा रहा है।