भदोही (जनमत):- भदोही मे यहां सत्यम न्यूज नामक साप्ताहिक अख़बार और यूट्यूब पर खबरें चलाने वाले संपादक बने मालिक और उसके दो बेटों के खिलाफ कोर्ट के आदेश से 420, 120B सहित कई IPC की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ है। 2020 में किराए पर आए स्थानीय पत्रकार ने तहसील और नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों की मिली भगत से करोड़ों के मकान पर कब्ज़ा कर लिया है। पुलिस में शिकायत करने के बाद भी न्याय नहीं मिलते देख पीड़ित ने थक हारकर न्यायालय की शरण ली जहां उसे FIR दर्ज़ होने के बाद इंसाफ़ की आस जगी है।
पूरा मामला भदोही कोतवाली अंतर्गत चौरी रोड पर सरदार खां बाजार बूढ़ा पट्टी स्थित लबे सड़क पर बने लंबे चौड़े करोड़ों के मकान का है। जहां बताया जाता है की सत्यम न्यूज के नाम से साप्ताहिक अखबार और यूट्यूब चैनल चलाने वाले नसीर कुरैशी ने मकान के निचले हिस्से को किराए पर लिया और उसे धीरे धीरे तहसील भदोही और नगर पालिका परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से उपरोक्त मकान और उसके जरूरी दस्तावेजों में अपना नाम चढ़वा लिया।
जिसकी भनक मकान के असली मालिक को हुई तो उसने तुरंत मकान खाली करने को कहा लेकिन पत्रकार और उसके गुंडों ने उसे डरा धमका कर वहां से भगा दिया। इस बाबत इसकी शिकायत पुलिस से करी गई तो उन्होंने भी पीड़ित को चलता कर दिया। दर दर की ठोकरें खाने के बाद मकान के असली मालिक पीड़ित एजाज अहमद ने सत्यम न्यूज अख़बार चैनल के मालिक संपादक नसीर कुरैशी उसके बेटे फरहान और राजन कुरैशी के साथ उसका साथ देने वाले तहसील और बिजली विभाग व् नगर पालिका परिषद भदोही के कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी दस्तावेजों और कागज़ात में हेरा फेरी कर करोड़ों के मकान पर जबरी कब्ज़ा कर लेने के खिलाफ न्यायालय से इंसाफ़ की गुहार लगाई है। न्यायालय ने सबूत के तौर पर पेश किए गए दस्तावेजों के आधार पर 156(3) के तहत मुक़दमा पंजीकृत करने का आदेश दिया है।
पीड़ित ने बताया की मानवता के आधार पर हजारों रुपए मिलने वाले किराए के बजाए मात्र 1200 रुपए पर किराए पर दिया और अच्छा व्यवहार करते करते उपरोक्त नसीर ने हमारा पूरा मकान ही कब्जा कर लिया और उसमें रखें लाखों के समान पर भी अपना हाथ साफ कर दिया। जिस पर मकान खाली कराने गए तो नसीर ने साजिशन महिलाओं और बच्चों और कुछ गुंडों के साथ मारपीट कर उल्टा हमें हमारे मकान से बाहर कर दिया जिसमें तत्कालीन समय की पुलिस ने भी उसके डर भय में उसका साथ दिया था। माननीय न्यायालय ने हमारी आपबीती सुनकर हमारे साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ पुलिस को FIR दर्ज़ करने का आदेश दिया है। हमारा मुक़दमा पंजीकृत होने पर सभी को बधाई देते है, अब हमें न्याय मिलने की उम्मीद है।