गोरखपुर (जनमत) :- वर्ष 2023 की पहली सुबह जब अधिकांश लोग अलग अलग तरह से सेलिब्रेशन में जुटे रहे होंगे, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा की तरह जनसेवा के अहर्निश व्रत के अनुष्ठान में रत रहे। उनके लिए साल के पहले दिन की शुरुआत जनता की समस्याओं को सुनने और उसके निस्तारण की प्रक्रिया से हुई। कड़ाके की ठंड में जनता दर्शन में पहुंचे फरियादियों से मुलाकात कर मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं के त्वरित व संतुष्टिपरक समाधान का भरोसा दिया। आश्वस्त किया कि उनके रहते किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी और न ही किसी की दवाई-पढ़ाई में धन की बाधा आने दी जाएगी।
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान नए साल के पहले दिन रविवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता दर्शन में करीब 300 लोगों की फरियाद सुनी। सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण का निर्देश देने के साथ फरियादियों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। प्रतिकूल मौसम को देखते हुए इस बार जनता दर्शन का आयोजन मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में किया गया। यहां कुर्सियों पर बैठाए गए फरियादियों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और एक-एक फरियादी से मिलकर उनकी समस्याओं को इत्मीनान से सुना।
फरियादियों में महिलाओं की संख्या अधिक रही। इस दौरान उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर आई एक बिटिया को मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि पैसे के अभाव में उसकी मनचाही पढ़ाई बाधित नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह बिटिया कॉलेज की फीस का इस्टीमेट बनाकर डीएम के माध्यम से उन तक उपलब्ध करवाए। इस्टीमेट मिलते ही आवश्यक धनराशि की तत्काल व्यवस्था कर दी कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पढ़ाई के लिए यह मदद लगातार मिलती रहेगी।
मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में कई फरियादी इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए। राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता वह निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए। यदि कोई किसी की भूमि पर जबरन कब्जा कर रहा हो तो उसे कानून सम्मत सबक सिखाया जाए। हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी मदद की जाए।
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