मौनी अमावस्‍या पर राप्‍ती तट पर उमड़ा श्रद्धालुओं  का “जनसैलाब”… 

UP Special News

गोरखपुर (जनमत):-  माघ महीने में दान-पुण्‍य के साथ नहान जिसमे  नदियों पर स्‍नान और आस्‍था की डुबकी लगाने का विशेष महत्‍व है. माना जाता है कि माघ माह में नदियों पर सच्‍चे मन और श्रद्धा से डुबकी लगाने से सातों जनम के पाप धुल जाते हैं. मौनी अमावस्‍या के दिन यूपी के प्रयागराज, काशी, कानपुर के साथ गोरखपुर में भी श्रद्धालुओं ने राप्‍ती नदी के तट पर पहुंचकर आस्‍था की डुबकी लगाई और देश-दुनिया की खुशहाली की कामना की.

गोरखपुर के राजघाट स्थित राप्‍ती, दक्षिण में बड़हलगंज स्थित घाघरा (सरयू), उत्‍तर में रोहिन नदी के तट पर लोगों ने आस्‍था की डुबकी लगाई. मौनी अमावस्‍या के दिन शनिवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं के नदी के किनारे आकर डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो गया. राप्‍ती नदी के रामघाट और गोरक्षनाथ घाट के साथ बड़हलगंज के मुक्तिपथ और रोहिन नदी में भी लोगों ने स्‍नान कर भगवान से मनोकामनाएं की. गोरखपुर जिले की प्रमुख नदी राप्ती के तट पर माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या पर लोगो ने श्रद्धा की डुबकी लगाई. माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है.

इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी को है. मौनी अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाकर स्नान-दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है. इस बार अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. शनिवार के दिन पड़ने की वजह से इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाएगा.

गोरखपुर के रामघाट पर राप्‍ती नदी में स्‍नान करने के लिए आए पं. जवाहर शास्‍त्री ने बताया कि आज के दिन स्‍नान-दान करने से काफी पुण्‍य की प्राप्ति होती है. उन्‍होंने बताया कि प्रयागराज में जिस तरह से माघ मेला लगा हुआ है. वहां पर कुंभ लगता है, तो ये स्‍नान भी एक कुंभ की तरह ही है. मौनी अमावस्‍या के दिन दान-पुण्‍य करने से कई जन्‍मों तक इसके फल की प्राप्ति होती है. सारे पापों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही मनुष्‍य को मोक्ष की प्रा‍प्ति भी होती है. यही वजह है कि लाखों की संख्‍या में लोग नदी के तटों पर स्‍नान के लिए आते हैं और आस्‍था की डुबकी लगाकर दान-पुण्‍य करते हैं.

REPORT- AJEET SINGH…

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…