भदोही (जनमत):- निदेशालय महिला कल्याण, उ0प्र0 लखनऊ के आदेश के क्रम में आज जनपद भदोही में राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को धूमधाम से काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ज्ञानपुर में मनाया गया। इसके अन्तर्गत बालिकाओं एवं महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन एवं प्रदेश में महिलाओं व बालिकाओ के स्वास्थ्य व शिक्षा की स्थिति को बेहतर करने, कन्या भू्रण हत्या व बाल विवाह को समाप्त करने, प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने, बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज व आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करने व उनके उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखने के उददेश्य की प्राप्ति के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी यशवन्त कुमार सिंह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
इस अवसर पर जनपद भदोही में अब तक विभिन्न विभागों द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं एवं महिलाओं को जागरूक किया गया है। इसी क्रम में आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ज्ञानपुर की शिक्षिकाएं, छात्राएं सहित अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी यशवन्त कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार बालिकाओं एवं महिलाओं के सम्मान के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की महिलाएं, बेटियां देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में अपना व अपने देश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समाज में बेटी और बहू के बीच का भेदभाव खत्म होगा।
सभी अभिभावक अपनी लड़कियों को शिक्षित करेंगे। उन्होंने काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ज्ञानपुर में उपस्थित लोगों से अपील किया कि वे दहेज को समाप्त करें तथा बेटे और बेटी के बीच भेदभाव करना बंद करें। उन्होंने कहा कि भेदभाव मिटाने से तथा लड़कियों को शिक्षित करने से समाज में कानूनों की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। उन्होंने आह्वान किया कि रक्षाबंधन का त्यौहार व्यक्तिगत ना होकर सामाजिक रूप प्रदान किया जाए तथा घरेलू हिंसा कानून के अंतर्गत कार्यवाही को नॉन बेलेबल बनाया जाए। मुख्य विकास अधिकारी यशवन्त कुमार सिंह ने कहा कि शासन के निर्देश के क्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत विभिन्न विभागों द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं, बालिकाओं को जागरूक किया गया है। उन्होंने बताया कि बालिकाओं एवं महिलाओं की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु समस्त तहसीलों, विकास खंडों, समस्त थानों और समस्त विभागीय कार्यालयों में लगभग सभी थानों पर महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है जिससे उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा कार्यक्रम एवं गोष्ठियों का आयोजन कर लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा तथा दहेज कानून के अंतर्गत महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा से बचाव एवं सहायता पुनर्वास के संबंध में उन्हें जागरूक किया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में लगभग विद्यालयों में शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापकों के द्वारा बालिकाओं के प्रति हो रहे अपराधों जैसे मानसिक, शारीरिक व भावनात्मक हिंसा, बाल श्रम, बाल विवाह एवं बाल भिक्षावृत्ति, बाल अधिकारों के संबंध में बालिकाओं एव महिलाओं को महिला हेल्प लाइन नंबर जैसे 1098 चाइल्ड लाइन, 1090 वीमेन हेल्पलाईन, 181 महिला हेल्पलाइन, 112 पुलिस सहायता, 1076मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 102 स्वास्थ्य सेवा,108 एम्बुलेंस सेवा के संबंध में जागरूक किया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित का सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है। पात्र लाभार्थियो को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है एवं मुख्यमत्री कन्या सुमंगला योजना में शासन द्वारा सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेदभाव पूर्ण रही है।
समाज में प्रचलित कुरीतियां एवं भेद-भाव जैसे कन्या भ्रूण हत्या, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकायें महिलायें अपने जीवन, संरक्षण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती है। इस सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे है। इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की जा रही है। योजना के अन्तर्गत ऐसी बालिकाऐं जो जन्म के 06 माह, एक वर्ष का टीकाकरण का पूर्ण होने के उपरान्त, कक्षा 01 में प्रवेश के उपरान्त, कक्षा 06 में प्रवेश के उपरान्त, कक्षा 09 में प्रवेश के उपरान्त एवं कक्षा 12 उत्तीर्ण करने के उपरान्त दो वर्षीय डिप्लोमा एवं स्नातक में प्रवेश के उपरान्त बालिकाओं लाभ प्रदान किया जाता है। योजना के तहत 11768 बालिकाओं को लाभ प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19) के अन्तर्गत उ0प्र0 सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का आरम्भ किया गया है। योजना ऐसे सभी बच्चों, जिनके माता/पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण प्रभाव से मृत्यु हो गई है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हें अपनाना न चाहें या अपनाने में सक्षम न हो, के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करना हेतु बच्चों/अभिभावक को प्रतिमाह रू0-4000 की दर से सहायता प्रदान की जायेगी। योजना के अन्तर्गत अब तक 175 बच्चों को योजना का लाभ दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किस एक अथवा अभिभावक को खो दिया है तथा वह कक्षा-12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहें हो ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु बच्चों अभिभावक को प्रतिमाह रू0-2500/- की दर से सहायता प्रदान की जायेगी। जनपद भदोही में अब तक 294 बच्चों को इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत 39074 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा भारी संख्या में बालिकाएं उपस्थित रही।