महराजगंज (जनमत):- थाईलैंड के बौद्ध भिक्षुओं का दल भारत में स्थित भगवान बुद्ध से जुड़े सभी प्रमुख तीर्थस्थलों का पैदल भ्रमण कर दर्शन व विशेष प्रार्थना करते हुए शुक्रवार को सोनौली थाई 960 टेंपल पहुंचा। यहां सभी बौद्ध भिक्षुओं का स्वागत किया गया। विश्राम के बाद सोनौली इमीग्रेशन में पासपोर्ट जांच कराने के बाद थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध की जन्मस्थली नेपाल के लुंबिनी के लिए रवाना हो गए।
थाईलैंड के बौद्ध भिक्षुओं के दल में कुल 90 तीर्थ यात्री हैं। अपने साथ भोजन सामग्री व टेंट आदि का सामान साथ लेकर चल रहे हैं। थाईलैंड से यह दल सबसे पहले कोलकाता पहुंचा। वहां से भारत में भगवान बुद्ध से जुड़े सभी तीर्थ स्थल बौद्ध गया, राजगीर, नालंदा, श्रावस्ती, कुशीनगर से होते हुए पैदल शुक्रवार को सोनौली के थाई 960 टेंपल पहुंचें। यहां मैनेजर राजेश शुक्ला ने अपने स्टाफ के साथ सभी तीर्थ यात्रियों का स्वागत किया।
बौद्ध तीर्थ यात्रियों को विश्राम के लिए उच्च स्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई गईं। पैदल भारतीय बौद्ध स्थलों की यात्रा के बाबत थाईलैंड के भिक्षुओं ने बताया कि उनके आराध्य भगवान बुद्ध के जीवन का लंबा काल भारत में व्यतीत हुआ। थाईलैंड के लोगों का मानना है कि भारत के कण कण में भगवान बुद्ध विद्यमान हैं। इसलिए भारत के प्रति आस्था व विश्वास का सम्मान करते हुए पैदल यात्रा की जा रही है।
थाई 960 टेंपल में विश्राम के बाद थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु सोनौली के इमीग्रेशन ऑफिस पहुंचे। वहां आव्रजन की सभी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद कतार बद्ध होकर सड़क के किनारे जाते हुए बौद्ध भिक्षु इंडिया गेट से नेपाल में प्रवेश कर भगवान बुद्ध के जन्मस्थली लुंबिनी के लिए रवाना हो गए।