अलीगढ़ (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में एएमयू के पूर्व छात्र एवं समाजवादी पार्टी के नेता फहाद अहमद संग बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर की शादी पूरे देश में चर्चा के बीच विवादों में घिरी हुई है। जहाँ एक और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन द्वारा बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर को एएमयू में पार्टी दिए जाने के ऐलान के बाद से अन्य एएमयू छात्रों के विरोध करने पर तकरार बढ़ गई है। कैंपस में दावत पर एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष नदीम अंसारी ने विरोध जताते हुए एएमयू प्रशासन और जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। तो वहीं दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इण्डिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने स्वरा भास्कर की शादी को नाजायज करार दिया है। उन्होंने कहा पहले स्वरा भास्कर इस्लाम कबूल करे, तभी उसका निकाह जायज होगा। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी द्वारा स्वरा भास्कर की शादी को नाजायज करार दिए जाने के बयान को सही ठहराते हुए अलीगढ़ अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडे ने कहा कि जिहादी लड़के हिंदू बेटियों के साथ नाजायज निकाह करते हैं और बाद में धर्म परिवर्तन करने से इनकार करने पर 36 टुकड़े किए जाते है तो कभी हिंदू बेटियों को फ्रिज में दफना दिया जाता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिहादी लोग नाजायज काम करने के आदि है, हिंदू बेटियों से आह्वान करते हुए कहा कि नाजायज लोगों की नाजायज बातों को मानना बंद करें और इनकी बातों में आकर गुमराह ना हो। ये जिहादी हैं और जिहाद ही इनका मकसद है।
आपको बता दें कि एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और सपा नेता फहाद अहमद की कोर्ट मैरिज सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब ऑल इण्डिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष ने टारगेट कर डाला है। दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इण्डिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने स्वरा भास्कर की शादी को नाजायज करार दिया है। उन्होंने कहा पहले स्वरा भास्कर इस्लाम कबूल करे, तभी निकाह जायज होगा।
जिस पर अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडेय ने मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी के द्वारा स्वरा भास्कर के निकाह को नाजायज करार दिए जाने के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि ये जिहादी लोग पहले हिंदू बेटियों के साथ निकाह करते हैं, और फिर बाद में उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है, ओर जब हिंदू बेटियाँ इस्लाम धर्म मानने से इंकार करती है, तो उनके 36 टुकड़े कर दिए जाते हैं या फिर फ्रिज में दफना दिया जाता हैं, जबकि आज नहीं तो कल ये ही हाल स्वरा भास्कर और अन्य लड़कियों का होगा। उन्होंने हिंदू बेटियों से आह्वान किया कि नाजायज लोगों की नाजायज बातों में आकर गुमराह न हो हिंदू बेटियाँ इनकी बातों को मानना बंद करें। ये जिहादी हैं और जिहाद ही इनका मकसद है ओर आज नहीं तो कल ये जिहादी हिंदू लड़कियों के 36 टुकड़े कर देंगे।जिसके चलते हिंदू बेटियाँ अपने धर्म पर विश्वास रखें। क्योंकि विश्व में सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इसीलिए हिंदू बेटियाँ सनातन धर्म में ही अपनी शादियाँ करें।
वहीं, एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने मौलाना के बयान को दरकिनार करते हुए शादी को सही करार दिया। फैजुल हसन पहले ही स्वरा और फहाद को मार्च में एएमयू में शादी पार्टी की पेशकी कर चुके हैं। एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने शादी पर खुशी ज़ाहिर करते हुए बताया है कि फहाद छोटे भाई की तरह हैं, दोस्त भी हैं, और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट भी थे। हमारे संघर्ष के साथी भी रहे हैं। उसके बाद यह टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेंज (TISS) चले गए। TISS में जाकर एमफिल किया। उसी दौरान CAA/NRC प्रोटेस्ट में एक्टिव रहे और वहीं स्वरा भास्कर और इनके बीच तय हुआ। 6 जनवरी को कोर्ट मैरिज की। बाकी शादी मार्च में करने का प्लान किया है। आगे कहा, फहाद से बातें हो रही थीं, तो कहते थे कि जल्द ही बड़ा खुलासा करेंगे। कोर्ट मैरिज में एएमयू से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी व हमजा नमान मसूद भी शामिल हुए थे। मार्च में बलीमा के बाद दोनों को एएमयू बुलाकर शादी पार्टी दिए जाने की तैयारी है।
नदीम अंसारी ने कहना है कि हमारे अध्यक्ष हैं उन्होंने बयान दिया है कि फहद और स्वरा भास्कर की शादी की पार्टी एएमयू में होगी तो मैं यह कहना चाहता हूँ कि मोहब्बत किसी से भी हो सकती है। लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक शिक्षण संस्थान है इस तरह की एक्टिविटी कैंपस में शोभा नहीं देती और अगर इस तरह का कोई भी आयोजन होता है। तो इसकी हम लोग पूरी तरीके से विरोध करेंगे। नदीम अंसारी ने कहा कि है कि आपने कोर्ट मैरिज की है अच्छी बात है लेकिन आप वलीमे का जिक्र लेकर आ रहे हैं। एक तरीके से देखा जाए। तो शादी की शरिया के हिसाब से जायज नहीं है। तो वलीमा क्या होगा। आपको अलीगढ़ में बहुत से रेस्टोरेंट और बरात घर हैं। आप कहीं भी जाकर के दावत दीजिए। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इस तरीके से कोई भी इवेंट नहीं होने देंगे अगर कोई इस तरह का इवेंट होगा तो तो मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को तुरंत इसका संज्ञान लेना चाहिए। क्योंकि एक तरीके से हम कह सकते हैं कि शाहीन बाग और टुकड़े टुकड़े गैंग वाले यहाँ आयेंगे । तो देश विरोधी नारे भी लग सकते हैं। अगर इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई नहीं की गई तो इसके जिम्मेदार प्रशासन होगा।
नदीम अंसारी ने कहा कि मैं प्रशासन को अभी से आगाह करना चाहता हूँ , ऐसे लोगों को कैंपस में नाही आने दिया जाए। ऐतराज़ किसी बात का नहीं है, फहद हमारे यहाँ के स्टूडेंट रहे हैं,उन्होंने शादी की अच्छी बात है लेकिन फैजुल भाई ने जो स्टेटमेंट दिया है और राजनीति शुरू कर दी है। उनकी शादी हो गई है वह आराम से खुश रहें, कोई परेशानी नहीं है। कैंपस को आप बीच में लेकर क्यों आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी एक शिक्षण संस्थान है। इस तरह के आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शोभा नहीं देते और ना ही आयोजन हम होने देंगे क्योंकि यह शादी इस्लामी तौर पर जायज नहीं है।
इधर, मुस्लिम समाज से जुड़े धर्मगुरु एडवोकेट इफ्राहिम हुसैन ने कहा है कि, हिंदुस्तान में हर कोई आज़ाद है। यहाँ का मुस्लिम सरियत को नहीं मानता है। आगे दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ऑल इण्डिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के बयान की निंदा की। फहाद अहमद का जन्म 2 फरवरी 1992 को यूपी के बरेली जिले के बहेड़ी में हुआ था। फहाद ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से ग्रैजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेंज (TISS) से सोशल वर्क में एमफिल किया। वह 2017 और 2018 में TISS की स्टूडेंट यूनियन के महासचिव रह चुके हैं। फिलहाल वह पीएचडी कर रहे हैं।
Reported By :- Ajay Kumar