औरैया (जनमत ) :- खबर उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया की है | जहाँ जिलाधिकारी कार्यालय में उस समय अफरा तफरी मच गई | जब एक गाँव से आई कुछ महिलाएँ पुरुष पेट्रोल डालकर आत्महत्या का प्रयास करने लगे | यह देख वहाँ मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने दौड़कर महिलाएँ के हाथों से पेट्रोल छीन लिया और थाना पुलिस को मामले की सूचना दी | जिलाधिकारी कार्यलय में आए पीड़ितों ने आत्महत्या करने का जिम्मेदार बीडीओ को बताते हुए आरोप लगया की बीडीओ रिश्वत मांग रहा है | साथ ही रिश्वत न देने पर मुख्यमंत्री आवास योजना की सूची में नाम आने के बाद भी आवास भी हम सभी के कटवा दिए इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी ने जाँच टीम गठित की है।
कानपुर देहात जिले का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि औरैया जिले में फिर से एक बार प्रशासन की उत्पीड़न से एक साथ कई लोग जिलाधिकारी कार्यालय आत्महत्या करने के लिए पहुँच गए। जहाँ यह नजारा देख वहाँ मौजूद सुरक्षा कर्मियों के भी हाथ पैर फूल गए | किसी तरह सूझ बूझ दिखाते हुए सुरक्षा कर्मियों ने आत्महत्या करने आई महिलाएँ पुरुषों के हाथों से पेट्रोल की बोतल छीनकर पुलिस को सूचना दी। वहीँ मौके पर पहुँचे डिप्टी एसपी सहित थाना फोर्स सभी को अपनी हिरासत ले लेकर थाने चले गए।
मामला ककोर मुख्यालय के जिलाधिकारी कार्यालय का है | जहाँ सहार ब्लाक के बहादुर पुर गाँव से कुछ पीड़ित महिलाएँ पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय आए थे | जहाँ उन्होंने सहार ब्लाक के बीडीओ पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीडीओ के उत्पीड़न से हम सब लोग मरना चाहते है क्योंकि एक तरफ तो हमारा आवास आया उसे बीडीओ साहब ने कटवा दिया क्योंकि वह रुपयों की मांग कर रहे थे। मेरा घर कच्चा है टूटा है खुद प्रधान जी साथ मे आए हुए थे हम सभी बीडीओ की शिकायत के साथ- साथ आत्महत्या करना चाहते है क्योंकि रहने के लिए घर नहीं है और आवास भी कटवा दिया गया जो अब नहीं मिलेगा इसी वजह से हम सभी आत्महत्या करने आए थे। इससे पहले भी सहार ब्लाक के बीडीओ मुनीश कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ था | जिसमें वह मनरेगा की बात करते करते बाकी बचे रुपयों की मांग करते नज़र आ रहे है। हालांकि जिलाधिकारी ने ऑडियो को लेकर शासन में कहा है।
इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र ने बताया की एक गाँव से कुछ लोग आए हुए थे जो आवास की शिकायत करने के लिए कार्यालय में पहुँचे थे | लेकिन किसी के बहकावे में आकर उन्होंने आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उनको बचाया साथ ही उनकी शिकायत को सुनते हुए उन्होंने बीडीओ सहार पर आरोप लगाया मुख्यमंत्री आवास की सूची में उनका नाम आया था | जिसको लेकर बीडीओ ने कटवा दिया है | बीडिओ बराबर रुपए की मांग भी करते हैं | इसको लेकर हमने टीम गठित की हैं |
वहीं आवास किस वजह से काटे गए हैं | इसकी भी जाँच की जाएगी कहीं लोगों पर पहले से ही कोई दूसरी जगह पर आवास तो नहीं है इन सब बिंदुओं की जाँच की जाएगी।
सवाल यह है कि आखिर शासन इतना सख्त होने के बाद भी प्रशासन की मनमानी ओर भृष्टाचार के लगते आरोप कम नहीं हो रहे और मजबूरन आम आदमी को उनके इसी उत्पीड़न से यह खौफनाक कदम उठाने पड़ रहा है | जिसका जीता जागता सबूत कुछ दिन पहले कानपुर देहात में देखने को मिला है।