लखनऊ (जनमत):- ऊर्जा विभाग में निदेशकों के 14 पदों के लिए 16 अक्तूबर, 2022 में चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए वरिष्ठ अभियंताओं ने साक्षात्कार दिए। पर नामों की घोषणा से पहले ही मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री को साक्षात्कार में बुलाए गए अभियंताओं की शिकायतें मिलीं। जांच हुई तो अंतिम चयन सूची में शामिल कई की शिकायतें सही पाईं गईं। चयन प्रक्रिया में भी गड़बड़ी मिली।उप्र. पावर कॉरपोरेशन, पावर ट्रांसमिशन, राज्य विद्युत उत्पादन निगम एवं सहयोगी वितरण कंपनियों में 14 निदेशकों की चयन प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतें मिलने पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने यह कार्रवाई की है।
ऐसे में पावर कॉरपोरेशन के अफसरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।प्रकरण में ऊर्जा मंत्री ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से जवाब मांगा था। पूछा था कि चयन समिति के सामने उपस्थित हुए अभ्यार्थियों में कितने अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया। साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाए गए लोगों की वजह भी पूछी गई थी। इसी तरह के कई अन्य सवाल पूछते हुए पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के नाम मांगे गए थे। अपर मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट ऊर्जा मंत्री को अब मिल गई है। इसमें चयन शुरू होने से लेकर साक्षात्कार तक की भूमिका में शामिल अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक इस पद के कुछ दावेदारों के आवेदन निरस्त कर दिए गए। दावेदारों ने इसकी वजह पूछी। पर चयन समिति की ओर से समय से जवाब नहीं दिया गया। इस पर कुछ दावेदारों ने अपने तरीके से जानकारी जुटाई। उन्होंने अपने दावे से संबंधित प्रपत्र भी सौंपा, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया। इसी तरह साक्षात्कार के लिए तैयार होने वाली सूची में कई अधिक योग्यता वाले दावेदारों के नाम गायब हो गए।चयन समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव थे। इसके अलावा सदस्य सचिव ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव होते हैं। इसी तरह एनटीपीसी, यूपीपीसीएल के अध्यक्ष, सहित सात सदस्य थे। फिलहाल इस चयन प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है और आने वाले दिनों में और भी अधिकारियों पर इस मामले में गाज गिर सकती है.
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…