सिद्धार्थनगर (जनमत ) :- योगी सरकार ने प्रदेश की बागडोर संभालते ही ऐलान किया था कि वह भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर देंगे और विकास कार्यों में पारदर्शिता लाएँगे लेकिन नौकरशाही में बैठे लोग सरकार की मंसूबो पर पानी फेरते हुए भ्रष्टाचार के नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं और सरकारी धन का दोहन कर रहे हैं ।
मामला जनपद के सदर नगर पालिका का है जहाँ जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए शासनादेश को भी दरकिनार कर दिया गया । यह देखिए यह नगर पालिका के रेहरा वार्ड का अस्थाई गौशाला है ,जिसका निर्माण पूर्व में हुआ था | और एक बार फिर इसके निर्माण के लिए प्रशासक अधिशाषी अधिकारी द्वारा निविदा आमंत्रित की गई है | जिस पर जानकारी करने पर पता चला कि पहले सिर्फ गौशाला के चार दीवारी का निर्माण हुआ था अब अंदर छाजन और नाद आदि का निर्माण होना है ।
अब इसमें मजे की बात तो यह कि पूर्व में बने जिस चहर दीवारी की बात ईओ द्वारा कही जा रही उसके विषय में निवर्तमान नगर अध्यक्ष ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान सेमरनार में गौशाला का निर्माण कराया गया था | जिसमें गोवंश संरक्षित हैं लेकिन रेहरा के गौशाला के विषय में न तो कोई जानकारी है और न ही मेरे द्वारा कोईअनुमोदन। अब यदि शासनादेश की बात करें तो प्रशासक नीतिगत फैसले नही ले सकता लेकिन सरकार की प्राथमिकता के नाम पर निजी स्वार्थ और अपनो को अनैतिक लाभ देने के लिए शासनादेश को भी नजरअंदाज कर दिया जाता है।